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'मैं सिर्फ अपनी बल्लेबाजी का लुत्फ उठाना चाहता था', 269 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलने के बाद बोले शुभमन गिल

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image Shubman Gill: इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में शुभमन गिल ने 269 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली, जिसने उन्हें रिकॉर्ड बुक में जगह दिलाई। इस ऐतिहासिक पारी के बाद शुभमन गिल ने तकनीकी सुधार और मानसिक बदलाव के बारे में बात की।

25 वर्षीय भारतीय कप्तान की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी ने टीम इंडिया को 587 रनों के विशाल स्कोर तक पहुंचाया, जो 18 साल में इंग्लैंड में उनका सबसे बड़ा स्कोर है। इसके बाद दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक मेहमान गेंदबाजों ने इंग्लैंड को 77/3 पर रोकने में भी मदद की।

अपनी पारी के बारे में बात करते हुए शुभमन गिल ने बताया कि बल्लेबाजी का आनंद फिर से पाना उनके रेड-बॉल क्रिकेट में सफलता का बड़ा कारण रहा।

उन्होंने कहा, "जब रन आसानी से नहीं बनते, तो बल्लेबाजी का मजा खत्म हो जाता है। आप सिर्फ रन बनाने पर ध्यान देते हैं। मुझे लग रहा था कि मैंने यह आनंद खो दिया था। मैं इतना केंद्रित था कि बल्लेबाजी का मजा नहीं ले पा रहा था।"

नंबर 4 पर बल्लाजी करने वाले गिल ने बताया कि बुनियादी बातों पर लौटने से उनकी लय वापस आई। मैंने अपनी शुरुआती मूवमेंट और सेटअप पर काम किया। पहले मुझे लगता था कि मेरी बल्लेबाजी अच्छी चल रही थी। मैं टेस्ट में लगातार 35-40 रन बना रहा था, लेकिन मैं पूरी एकाग्रता खो रहा था।

उन्होंने कहा, "कई लोग कहते हैं कि ज्यादा ध्यान देने से आप अपनी सर्वश्रेष्ठ एकाग्रता का समय चूक जाते हैं। इसलिए, इस सीरीज में मैंने अपनी बुनियादी बातों पर ध्यान दिया। मैंने बचपन की तरह बल्लेबाजी करने की कोशिश की। मैं 35-40 रन बनाने या लंबी पारी खेलने के बारे में नहीं सोचा, बस बल्लेबाजी का मजा लेना चाहता था।"

गिल की इस पारी ने उन्हें कई रिकॉर्ड दिलाए। वे मंसूर अली खान पटौदी के बाद टेस्ट में दोहरा शतक बनाने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय कप्तान बने और सेना देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में दोहरा शतक बनाने वाले पहले एशियाई कप्तान, और विराट कोहली के 254 नाबाद को पीछे छोड़ते हुए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय टेस्ट कप्तान बने। यह 2016 में कोहली के बाद विदेशी टेस्ट में यह किसी भारतीय बल्लेबाज का पहला दोहरा शतक था।

हालांकि, इतने बड़े स्कोर के बावजूद गिल ने इस पारी को आसान नहीं बताया। उन्होंने कहा, "पहले दिन लंच से पहले जब मैं बल्लेबाजी करने उतरा, तो टी ब्रेक तक मैंने करीब 100 गेंदों पर 35-40 रन बनाए थे। मैंने गौतम गंभीर भाई से बात की और कहा कि रन आसानी से नहीं बन रहे, भले ही मेरे पास कई शॉट्स हैं।"

हेडिंग्ले में 147 रन की पारी से मिले सबक ने उनकी सोच को मजबूत किया। उन्होंने कहा, "पिछले मैच में मैंने सीखा कि परिस्थितियों में निचला क्रम कभी भी ढह सकता है। इसलिए मैंने जितना हो सके क्रीज पर रहने की कोशिश की। मैं चाहता था कि गेंदबाज मुझे अच्छी गेंद पर आउट करे, न कि मेरी गलती से।"

आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को शुरुआती ओवर में ढेर कर दिया। गिल ने अपने गेंदबाजों की तारीफ की। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि एक बार जब गेंद थोड़ी पुरानी हो जाती है, तो विकेट लेना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, जितना अधिक हम लगातार एक क्षेत्र में गेंदबाजी करेंगे और उनके बल्लेबाजों को निराश करेंगे, उतना ही हमारे लिए बेहतर होगा।"

हेडिंग्ले में 147 रन की पारी से मिले सबक ने उनकी सोच को मजबूत किया। उन्होंने कहा, "पिछले मैच में मैंने सीखा कि परिस्थितियों में निचला क्रम कभी भी ढह सकता है। इसलिए मैंने जितना हो सके क्रीज पर रहने की कोशिश की। मैं चाहता था कि गेंदबाज मुझे अच्छी गेंद पर आउट करे, न कि मेरी गलती से।"

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गिल ने कहा कि जब बल्लेबाज कुछ अलग करने की कोशिश करता है, तो उसे आउट करने का मौका बढ़ जाता है। इसलिए, हम बल्लेबाजों को परेशान करने की कोशिश करेंगे और जहां वे रन बनाना चाहें, वहां मौका नहीं देंगे। मेरे ख्याल से यह हमारी गेंदबाजी के लिए सबसे जरूरी होगा।

Article Source: IANS
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