जीएसटी रिफॉर्म की घोषणा से लेकर जीएसटी 2.0 के स्लैब तक ऑटो सेक्टर के स्टॉक में लगातार बढ़ोतरी हुई. निफ्टी 50 इंडेक्स के लार्जकैप ऑटो स्टॉक मारुति सुज़ुकी, आयशर मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हीरो मोटो कॉर्प, बजाज ऑटो में तूफानी तेज़ी देखी जा रही है. ये सभी ऑटो स्टॉक ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं, क्योंकि जीएसटी के नए स्लैब से वाहन सस्ते होने वाले हैं, जिनका असर इन कंपनियों के रेनेव्यू और प्रॉफिट में बढ़ोतरी के रूप में सामने आएगा.
इनमें से आयशर मोटर्स के शेयर प्राइस लगातार खरीदारी के कारण ओवरबॉट ज़ोन में आ गए हैं. इसका अर्थ है कि स्टॉक को उसकी फेयर वैल्यू से अधिक कहीं ऊपरी लेवल पर भी खरीदा जा रहा है. हैवी बाइंग से जब कोई स्टॉक ओवरबॉट ज़ोन में जाता है तो एक प्राइस करेक्शन आता है, जिसके बाद स्टॉक में आगे की तेज़ी आती है.
Eicher Motors Ltd के शेयर प्राइस शुक्रवार को 2.55% की बढ़त के साथ 6,580.00 रुपए के लेवल पर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैप 1.80 लाख करोड़ रुपए है. पिछले एक माह में इस स्टॉक में 16% की तेज़ी आ चुकी है. स्टॉक का प्राइस टू अर्निंग रेशो बढ़कर 37 हो गया है, जो ऑटो इंडस्ट्री के पीई रेशो 30 से अधिक है.
स्टॉक ओवरबॉट ज़ोन में आयाEicher Motors Ltd के शेयर प्राइस में लगतार खरीदारी हुई है और उसका मोमेंटम इंडिकेटर आरएसआई बढ़कर 87 हो गया है, जो बहुत अधिक है.आमतौर पर जब कोई स्टॉक 70 आरएसआई से ऊपर जाने लगता है तो वह ओवरबॉट ज़ोन में होता है. आरएसआई 80 तक माना जाता है कि स्टॉक लगातार तेज़ी से थक रहा है. अब आयशर मोटर्स में आरएसआई 87 हो चुका है, एक्ट्रिम ओवरबॉट ज़ोन में लग रहा है.
आरएसआई 87 के ऊपर जाने की संभावना कम है, इसलिए स्टॉक का मोमेंटम एडजस्ट करने के लिए स्टॉक का प्राइस कुछ नीचे आ सकता है. लेकिन सिर्फ आरएसआई के ओवरबॉट ज़ोन में जाने से ही स्टॉक नीचे नहीं आएगा, बल्कि इसके लिए कुछऔर फैक्टर भी शामिल होने चाहिए.
क्या प्रॉफिट बुकिंग आएगीकिसी स्टॉक के ओवरबॉट ज़ोन में आने का अर्थ यह बिलकुल नहीं है कि स्टॉक ऊंचाई से गिरेगा, लेकिन यह ज़रूर है कि स्टॉक में प्राइस रिट्रेसमेंट हो सकता है जिससे उसका आरएसआई एडजस्ट हो सके और स्टॉक में और आगे जाने की नई राह खुल सके.
आयशर मोटर्स के टेक्निकल एनालिसिस में डेली चार्ट देखें तो स्टॉक 6,713.00 रुपए के लेवल का ऑल टाइम हाई लगाकर उसके आसपास ट्रेड कर रहा है. 04 सितंबर को स्टॉक में एक बड़ी बेयरिश कैंडल बनी है, जिसका हाफ लेवल भी अगले ट्रेडिंग सेशन 05 सितंबर को ब्रेक नहीं हुआ है. जब तक स्टॉक में 6621 का लेवल ऊपर की ओर ब्रेक नहीं होता, तब तक स्टॉक में प्रॉफिट बुकिंग आने की संभावना बनी रहेगी.
अगर आयशर मोटर्स के शेयर प्राइस 6550 रुपए के नीचे आते हैं तो इसमें प्राइस रि-ट्रेसमेंट के तौर पर 6300 रुपए के लेवल देखे जा सकते हैं. इस स्टॉक में ऊपर की ओर नई मूव 6621 के लेवल के ऊपर क्लोज़ होने पर आ सकती है. जीएसटी 2.0 के बाद ऑटो सेक्टर की तेज़ी जारी रह सकती है, लेकिन इससे पहले स्टॉक में रिट्रेसमेंट आ सकता है.
इनमें से आयशर मोटर्स के शेयर प्राइस लगातार खरीदारी के कारण ओवरबॉट ज़ोन में आ गए हैं. इसका अर्थ है कि स्टॉक को उसकी फेयर वैल्यू से अधिक कहीं ऊपरी लेवल पर भी खरीदा जा रहा है. हैवी बाइंग से जब कोई स्टॉक ओवरबॉट ज़ोन में जाता है तो एक प्राइस करेक्शन आता है, जिसके बाद स्टॉक में आगे की तेज़ी आती है.
Eicher Motors Ltd के शेयर प्राइस शुक्रवार को 2.55% की बढ़त के साथ 6,580.00 रुपए के लेवल पर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैप 1.80 लाख करोड़ रुपए है. पिछले एक माह में इस स्टॉक में 16% की तेज़ी आ चुकी है. स्टॉक का प्राइस टू अर्निंग रेशो बढ़कर 37 हो गया है, जो ऑटो इंडस्ट्री के पीई रेशो 30 से अधिक है.
स्टॉक ओवरबॉट ज़ोन में आयाEicher Motors Ltd के शेयर प्राइस में लगतार खरीदारी हुई है और उसका मोमेंटम इंडिकेटर आरएसआई बढ़कर 87 हो गया है, जो बहुत अधिक है.आमतौर पर जब कोई स्टॉक 70 आरएसआई से ऊपर जाने लगता है तो वह ओवरबॉट ज़ोन में होता है. आरएसआई 80 तक माना जाता है कि स्टॉक लगातार तेज़ी से थक रहा है. अब आयशर मोटर्स में आरएसआई 87 हो चुका है, एक्ट्रिम ओवरबॉट ज़ोन में लग रहा है.
आरएसआई 87 के ऊपर जाने की संभावना कम है, इसलिए स्टॉक का मोमेंटम एडजस्ट करने के लिए स्टॉक का प्राइस कुछ नीचे आ सकता है. लेकिन सिर्फ आरएसआई के ओवरबॉट ज़ोन में जाने से ही स्टॉक नीचे नहीं आएगा, बल्कि इसके लिए कुछऔर फैक्टर भी शामिल होने चाहिए.
क्या प्रॉफिट बुकिंग आएगीकिसी स्टॉक के ओवरबॉट ज़ोन में आने का अर्थ यह बिलकुल नहीं है कि स्टॉक ऊंचाई से गिरेगा, लेकिन यह ज़रूर है कि स्टॉक में प्राइस रिट्रेसमेंट हो सकता है जिससे उसका आरएसआई एडजस्ट हो सके और स्टॉक में और आगे जाने की नई राह खुल सके.
आयशर मोटर्स के टेक्निकल एनालिसिस में डेली चार्ट देखें तो स्टॉक 6,713.00 रुपए के लेवल का ऑल टाइम हाई लगाकर उसके आसपास ट्रेड कर रहा है. 04 सितंबर को स्टॉक में एक बड़ी बेयरिश कैंडल बनी है, जिसका हाफ लेवल भी अगले ट्रेडिंग सेशन 05 सितंबर को ब्रेक नहीं हुआ है. जब तक स्टॉक में 6621 का लेवल ऊपर की ओर ब्रेक नहीं होता, तब तक स्टॉक में प्रॉफिट बुकिंग आने की संभावना बनी रहेगी.
अगर आयशर मोटर्स के शेयर प्राइस 6550 रुपए के नीचे आते हैं तो इसमें प्राइस रि-ट्रेसमेंट के तौर पर 6300 रुपए के लेवल देखे जा सकते हैं. इस स्टॉक में ऊपर की ओर नई मूव 6621 के लेवल के ऊपर क्लोज़ होने पर आ सकती है. जीएसटी 2.0 के बाद ऑटो सेक्टर की तेज़ी जारी रह सकती है, लेकिन इससे पहले स्टॉक में रिट्रेसमेंट आ सकता है.
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