नई दिल्ली: भारत में कमर्शियल गाड़ियां बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी Tata Motors Ltd के स्टॉक में गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान गिरावट देखने को मिल रही थी. हालांकि ख़बर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर हरे निशान पर ट्रेड कर रहे थे. लेकिन पिछले 5 दिनों में ही स्टॉक लगभगल 4 प्रतिशत तक गिर चुका है. वहीं स्टॉक अपने हाई लेवल से भी 43 प्रतिशत तक गिर चुका है.
क्या है कारण?यह गिरावट कंपनी द्वारा नीदरलैंड में एक नई पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी की स्थापना की घोषणा के बाद आई है ताकि कंपनी दुनिया भर में अपने ग्लोबल कमर्शियल व्हीकल (सीवी) बिजनेस को सरल और अच्छे तरह से डेवलप कर सकें. शेयर में गिरावट इसलिए भी आई क्योंकि निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 25% टैरिफ को लेकर चिंतित थे. इन टैरिफ ने स्टॉक पर दबाव बढ़ा दिया और लोगों को कंपनी की भविष्य की बिक्री के बारे में कम भरोसा दिलाया, जिससे टाटा मोटर्स के शेयर की कीमत में गिरावट आई.
कंपनी की घोषणा30 जुलाई को अपनी बोर्ड मीटिंग में, कंपनी ने टीएमएल सीवी होल्डिंग्स नामक एक नई कंपनी बनाने का फ़ैसला लिया. यह नई कंपनी एक "स्टेप-डाउन सब्सिडियरी" होगी, जिसका मतलब है कि इसका स्वामित्व सिंगापुर स्थित टाटा मोटर्स की एक अन्य सब्सिडियरी, जिसका नाम भी टीएमएल सीवी होल्डिंग्स है, के पास होगा.
नीदरलैंड में स्थापित होने वाली यह नई कंपनी एक होल्डिंग कंपनी के रूप में काम करेगी. इसकी मुख्य भूमिका टाटा मोटर्स के स्वामित्व और उसके अलग-अलग तरह के इंटरनेशल बिजनेस और कंपनियों में निवेश का मैनेजमेंट करना होगा.
नई कंपनी का पूर्ण स्वामित्व (100%) टीएमएल सीवी होल्डिंग्स के पास होगा. इस नई कंपनी के शेयर उनके आधार मूल्य पर खरीदे जाएँगे और नकद भुगतान किया जाएगा. यह कदम टाटा मोटर्स की दुनिया भर में अपने कमर्शियल व्हीकल (सीवी) बिजनेस को बढ़ाने और मज़बूत करने की व्यापक योजना का हिस्सा है.
क्या कह रहे हैं ब्रोकरेज?भारतीय ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने टाटा मोटर्स पर "रिड्यूस" रेटिंग बरकरार रखी है. उन्होंने शेयर के लिए 670 रुपये का टारगे प्राइस तय किया है. हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि टाटा मोटर्स की अपने कमर्शियल व्हीकल (सीवी) बिजनेस को ग्लोबल लेवल पर बढ़ाने की योजना कंपनी के लिए भविष्य में कुछ सकारात्मक परिणाम ला सकती है.
ब्रोकरेज ने बताया कि टाटा मोटर्स इवेको के पहले के डिफेंस बिजनेस को 3.8 अरब यूरो में खरीदने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि इस सौदे से टाटा मोटर्स को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने कमर्शियल व्हीकल (सीवी) बिजनेस का विस्तार करने में मदद मिलने की संभावना है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
क्या है कारण?यह गिरावट कंपनी द्वारा नीदरलैंड में एक नई पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी की स्थापना की घोषणा के बाद आई है ताकि कंपनी दुनिया भर में अपने ग्लोबल कमर्शियल व्हीकल (सीवी) बिजनेस को सरल और अच्छे तरह से डेवलप कर सकें. शेयर में गिरावट इसलिए भी आई क्योंकि निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 25% टैरिफ को लेकर चिंतित थे. इन टैरिफ ने स्टॉक पर दबाव बढ़ा दिया और लोगों को कंपनी की भविष्य की बिक्री के बारे में कम भरोसा दिलाया, जिससे टाटा मोटर्स के शेयर की कीमत में गिरावट आई.
कंपनी की घोषणा30 जुलाई को अपनी बोर्ड मीटिंग में, कंपनी ने टीएमएल सीवी होल्डिंग्स नामक एक नई कंपनी बनाने का फ़ैसला लिया. यह नई कंपनी एक "स्टेप-डाउन सब्सिडियरी" होगी, जिसका मतलब है कि इसका स्वामित्व सिंगापुर स्थित टाटा मोटर्स की एक अन्य सब्सिडियरी, जिसका नाम भी टीएमएल सीवी होल्डिंग्स है, के पास होगा.
नीदरलैंड में स्थापित होने वाली यह नई कंपनी एक होल्डिंग कंपनी के रूप में काम करेगी. इसकी मुख्य भूमिका टाटा मोटर्स के स्वामित्व और उसके अलग-अलग तरह के इंटरनेशल बिजनेस और कंपनियों में निवेश का मैनेजमेंट करना होगा.
नई कंपनी का पूर्ण स्वामित्व (100%) टीएमएल सीवी होल्डिंग्स के पास होगा. इस नई कंपनी के शेयर उनके आधार मूल्य पर खरीदे जाएँगे और नकद भुगतान किया जाएगा. यह कदम टाटा मोटर्स की दुनिया भर में अपने कमर्शियल व्हीकल (सीवी) बिजनेस को बढ़ाने और मज़बूत करने की व्यापक योजना का हिस्सा है.
क्या कह रहे हैं ब्रोकरेज?भारतीय ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने टाटा मोटर्स पर "रिड्यूस" रेटिंग बरकरार रखी है. उन्होंने शेयर के लिए 670 रुपये का टारगे प्राइस तय किया है. हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि टाटा मोटर्स की अपने कमर्शियल व्हीकल (सीवी) बिजनेस को ग्लोबल लेवल पर बढ़ाने की योजना कंपनी के लिए भविष्य में कुछ सकारात्मक परिणाम ला सकती है.
ब्रोकरेज ने बताया कि टाटा मोटर्स इवेको के पहले के डिफेंस बिजनेस को 3.8 अरब यूरो में खरीदने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि इस सौदे से टाटा मोटर्स को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने कमर्शियल व्हीकल (सीवी) बिजनेस का विस्तार करने में मदद मिलने की संभावना है.
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
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