दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज (TCS) कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने जा रही है. माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल के बाद टीसीएस ने भी बड़ी छंटनी का ऐलान किया है. इससे 12000 कर्मचारी प्रभावित होंगे. भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी का कहना है कि वे आने वाले वर्ष तक अपने कुल कर्मचारियों की संख्या में से 2 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देंगे. बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां लगातार छंटनी का ऐलान कर रही है जिसके बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आने के कारण यह सब हो रहा है?
टीसीएस छंटनी से पहले इंटेल और माइक्रोसॉफ्ट के ऐलानटीसीएस 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है. इसके पहले इंटेल ने 24,000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था. माइक्रोसॉफ्ट भी 10,000 कर्मचारियों की छंटनी की बात कह चुकी है.
किन कर्मचारियों पर गिरेगी गाजऐसा कहां जा रहा है कि जहां-जहां यह कंपनी काम करती है उन सभी देशों के सभी सेक्टर के कर्मचारी छंटनी से प्रभावित होंगे. यानि किसी विशेष सेक्टर के कर्मचारियों की ही नौकरी नहीं जाएगी. जून को समाप्त हुई तिमाही तक कंपनी का कुल वर्क फोर्स 6 लाख 13 हजार था, जिसका दो प्रतिशत यानी लगभग 12000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है. जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा, उन्हें नोटिस पीरियड की सैलरी के साथ ही एडेड सेवरैंस पैकेज भी दिया जाएगा.
क्या एआई बना टेक कर्मचारियों की मुसीबत? माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, टीसीएस, जैसे दिग्गज छंटनी का ऐलान कर चुके हैं. इंफोसिस में कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. कई स्टार्टअप्स नई नौकरियां नहीं दे रहे हैं. ऐसे में लगातार यही सवाल बना है कि क्या एआई के कारण ऐसी परिस्थितियों बनी है? कंपनियों के द्वारा तो कर्मचारियों को नौकरी से निकलने के पीछे के कई कारण बताए जा रहे हैं जिसमें कॉस्ट कटिंग, रीस्ट्रक्चरिंग आदि शामिल हैं. हालांकि कोरोना महामारी के बाद से इस सेक्टर में बड़े बदलाव हो रहे हैं. उद्योगों में नई प्रगति तो हो रही है लेकिन इससे छंटनी भी बढ़ रही है.
टीसीएस छंटनी से पहले इंटेल और माइक्रोसॉफ्ट के ऐलानटीसीएस 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है. इसके पहले इंटेल ने 24,000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था. माइक्रोसॉफ्ट भी 10,000 कर्मचारियों की छंटनी की बात कह चुकी है.
किन कर्मचारियों पर गिरेगी गाजऐसा कहां जा रहा है कि जहां-जहां यह कंपनी काम करती है उन सभी देशों के सभी सेक्टर के कर्मचारी छंटनी से प्रभावित होंगे. यानि किसी विशेष सेक्टर के कर्मचारियों की ही नौकरी नहीं जाएगी. जून को समाप्त हुई तिमाही तक कंपनी का कुल वर्क फोर्स 6 लाख 13 हजार था, जिसका दो प्रतिशत यानी लगभग 12000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है. जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा, उन्हें नोटिस पीरियड की सैलरी के साथ ही एडेड सेवरैंस पैकेज भी दिया जाएगा.
क्या एआई बना टेक कर्मचारियों की मुसीबत? माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, टीसीएस, जैसे दिग्गज छंटनी का ऐलान कर चुके हैं. इंफोसिस में कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. कई स्टार्टअप्स नई नौकरियां नहीं दे रहे हैं. ऐसे में लगातार यही सवाल बना है कि क्या एआई के कारण ऐसी परिस्थितियों बनी है? कंपनियों के द्वारा तो कर्मचारियों को नौकरी से निकलने के पीछे के कई कारण बताए जा रहे हैं जिसमें कॉस्ट कटिंग, रीस्ट्रक्चरिंग आदि शामिल हैं. हालांकि कोरोना महामारी के बाद से इस सेक्टर में बड़े बदलाव हो रहे हैं. उद्योगों में नई प्रगति तो हो रही है लेकिन इससे छंटनी भी बढ़ रही है.
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