PPF और NPS के बीच अंतर: हर व्यक्ति नौकरी करता है, पैसे कमाता है और जीवनभर मेहनत करता है ताकि रिटायरमेंट के बाद एक सुखद जीवन व्यतीत कर सके। इस उद्देश्य के लिए सरकार समय-समय पर विभिन्न योजनाएं पेश करती है। इसके साथ ही, निजी कंपनियां भी रिटायरमेंट प्लान के तहत नई-नई स्कीमों का प्रचार करती हैं। वर्तमान में, पीपीएफ और एनपीएस रिटायरमेंट के लिए लोकप्रिय विकल्प बने हुए हैं, लेकिन इनमें से कौन सा बेहतर है?
पीपीएफ और एनपीएस दोनों लंबी अवधि के लिए बचत योजनाएं हैं। ये रिटायरमेंट के लिए पैसे बचाने का एक उत्कृष्ट विकल्प प्रदान करती हैं। एनपीएस एक रिटायरमेंट सेविंग प्लान है जो कम निवेश पर अधिक रिटर्न का अवसर देता है। ऐसे में, पीपीएफ और एनपीएस में से कौन सा विकल्प सही है?
पीपीएफ और एनपीएस में कौन सा बेहतर है? पीपीएफ:
पीपीएफ एक सरकारी योजना है जो दीर्घकालिक बचत के लिए उपयुक्त है। यह रिटायरमेंट के लिए पैसे बचाने का एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, पीपीएफ में निवेश करना एक सुरक्षित विकल्प है। इस योजना पर सरकार द्वारा रिटर्न प्रदान किया जाता है और इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
पीपीएफ में निवेश की अवधि 15 वर्ष होती है, जिसमें 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है। इसमें टैक्स लाभ भी मिलता है, क्योंकि निवेश की गई राशि पर ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता। 18 वर्ष से अधिक आयु के लोग इसमें निवेश कर सकते हैं। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं।
NPS:
NPS भी एक सरकारी रिटायरमेंट योजना है, जो नागरिकों को उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद करती है। एनपीएस में रिटायरमेंट के समय 60 प्रतिशत राशि निकाली जा सकती है, जबकि 40 प्रतिशत राशि पेंशन योजना खरीदने के लिए उपयोग की जाती है। एनपीएस निश्चित रिटर्न नहीं देता है और इसमें जोखिम भी होता है। इसमें 18 से 70 वर्ष के बीच के लोग निवेश कर सकते हैं।