जन्म कुंडली का नौवां घर धर्म का स्थान माना जाता है। यह भाग्य का भी प्रतीक है। यदि इस घर पर कोई अशुभ ग्रह प्रभाव डालता है, तो यह दर्शाता है कि पूर्वजों की इच्छाएं अधूरी रह गई हैं। सूर्य, मंगल और शनि जैसे स्वाभाविक रूप से अशुभ ग्रह कुछ ही लग्नों में प्रभाव डालते हैं, जबकि राहु और केतु सभी लग्नों में अपना दुष्प्रभाव डालते हैं।
पितृ दोष और इसके प्रभाव
यदि नौवां घर, उसके स्वामी, चंद्र राशि से नौवां घर और चंद्र राशि से उसके स्वामी राहु या केतु से प्रभावित होते हैं, तो यह पितृ दोष का कारण बनता है। इस दोष से ग्रसित व्यक्ति को जीवन में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनकी शिक्षा अधूरी रह सकती है, आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है, या वे मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग हो सकते हैं। इस प्रकार, ऐसे व्यक्ति को जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
एक सौ आठ बार परिक्रमा
सोमवती अमावस्या (जो सोमवार को आती है) पर पीपल के पेड़ के पास जाएं। उस पीपल के पेड़ को एक पवित्र धागा अर्पित करें और भगवान विष्णु के नाम से भी एक पवित्र धागा अर्पित करें। पीपल के पेड़ और भगवान विष्णु से प्रार्थना करें और पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें।
हर परिक्रमा के बाद, पीपल के पेड़ को संभवतः एक मिठाई अर्पित करें। परिक्रमा करते समय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करते रहें। परिक्रमा पूरी करने के बाद, फिर से पीपल के पेड़ और भगवान विष्णु से प्रार्थना करें। जानबूझकर या अनजाने में किए गए सभी अपराधों के लिए उनसे क्षमा मांगें। सोमवती अमावस्या पर पूजा करने से जल्दी ही अच्छे परिणाम मिलते हैं।
सामाजिक मीडिया पर साझा करें
PC Social media
You may also like
टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहले वनडे में दिया 282 रनों का लक्ष्य, इन 3 बैटर ने जड़े अर्धशतक
पति की दरिंदगी ने` की हदें पार। दान्तों से काट डाला पत्नी के शरीर का ये हिस्सा 16 टांकों के बाद टूटी चुप्पी और दर्ज कराई रिपोर्ट
अमेरिका में भारतीयों पर हो रहे हमले के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
अमित खरे नियुक्त किए गए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के सचिव
जीएसटी कटौती का लाभ ग्राहकों को देना जरूरी, मुनाफाखोरी से इंडस्ट्री को होगा नुकसान : एक्सपर्ट