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डायबिटीज के मरीजों के लिए हानिकारक दालें: जानें कौन सी दालें हैं खतरनाक

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डायबिटीज में दालों का सेवन

डायबिटीज में दालों का प्रभाव: मधुमेह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो उचित खानपान और जीवनशैली पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। शुगर के मरीजों के लिए सही आहार का चुनाव अत्यंत आवश्यक है।


हालांकि दालें पोषण का अच्छा स्रोत मानी जाती हैं, लेकिन कुछ विशेष दालें रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकती हैं। इस लेख में हम उन दालों पर चर्चा करेंगे, जिनका सेवन मधुमेह के रोगियों को सावधानी से करना चाहिए।


1. अरहर (तूर) की दाल:


अरहर की दाल प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होती है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी ऊँचा होता है, जिससे रक्त शर्करा तेजी से बढ़ सकता है। शुगर पेशेंट्स को इसे सीमित मात्रा में या डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए।


2. चना दाल:


चना दाल भी कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है। इसका अधिक सेवन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को प्रभावित कर सकता है। यदि आप चना दाल का सेवन करना चाहते हैं, तो इसे अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर खाना बेहतर रहेगा।


3. मसूर दाल:


मसूर दाल प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, लेकिन यह मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली दालों में आती है। इसका अत्यधिक सेवन रक्त शर्करा के स्तर को असंतुलित कर सकता है।


4. उड़द की दाल:


उड़द की दाल को भी सीमित मात्रा में लेना चाहिए, क्योंकि यह पाचन में भारी होती है और रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती है।


सावधानियां:


1. संतुलित मात्रा में सेवन करें: किसी भी दाल को अधिक मात्रा में न खाएं।


2. डायटीशियन की सलाह लें: अपनी डाइट में दालों को शामिल करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।


3. फाइबर से भरपूर भोजन चुनें: ऐसी दालें चुनें जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक हो, जैसे मूंग दाल।


4. व्यायाम और नियमित जांच: रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए नियमित जांच और व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।


डायबिटीज के मरीजों के लिए सभी दालें सुरक्षित नहीं होतीं। सही दाल का चयन और उसका सीमित सेवन आपके शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है। हमेशा डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह पर आधारित आहार का पालन करें।


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