नमक और शक्कर का सेवन खाने का स्वाद बढ़ाता है, लेकिन कई शोधों से यह स्पष्ट हुआ है कि इनकी अधिकता कई जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का कारण बन रही है। इसलिए, इन्हें 'साइलेंट किलर' कहा जाने लगा है। हाल ही में चावल को भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया है।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सफेद चावल का अधिक सेवन डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकता है। डॉ. नम्रता तिवारी ने बताया कि इन तीन सफेद खाद्य पदार्थों से हमें किन-किन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
नमक का सेवन कम क्यों करें? >> आयोडीन युक्त सफेद नमक का सेवन बंद कर दें, क्योंकि यह जहर के समान है। इसके बजाय सेंधा नमक का उपयोग करें, जो शरीर में 97 पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। इन पोषक तत्वों की कमी के कारण लकवे का खतरा बढ़ जाता है। समुद्री नमक केवल 4 पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। राजीव भाई का कहना है कि अगर आपके दो बच्चे हैं, तो एक को 11 साल तक समुद्री नमक पर पाला जाए और दूसरे को सेंधा नमक पर, तो आप खुद देखेंगे कि किसका स्वास्थ्य बेहतर है।
दुनिया के 56 देशों ने 40 साल पहले आयोडीन युक्त नमक पर प्रतिबंध लगा दिया था। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क में इसे नहीं बेचा जाता। डेनमार्क की सरकार ने 1956 में आयोडीन युक्त नमक पर प्रतिबंध लगाया क्योंकि इसके सेवन से जनसंख्या में कमी आई थी।
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