उत्तराखंड के बाद, अब गुजरात में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस संबंध में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। मंगलवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इसकी जानकारी दी।
इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना देसाई करेंगी।
भूपेंद्र पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हम सभी एक महान राष्ट्र के नागरिक हैं, और हमारा संविधान हमारे लिए धर्म ग्रंथ की तरह है। इस वर्ष संविधान के 75 साल पूरे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी समान अधिकारों की बात करते हैं। उनकी सरकार जो वादा करती है, उसे पूरा करती है। धारा 370, एक देश एक चुनाव, तीन तलाक, नारी शक्ति वंदना, और आरक्षण के साथ-साथ UCC पर भी काम चल रहा है।'
'गुजरात PM मोदी के हर संकल्प को पूरा करने में सबसे आगे'
उन्होंने आगे कहा, 'गुजरात ने हमेशा पीएम मोदी के हर संकल्प को पूरा करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। UCC की आवश्यकता को समझने के लिए रिटायर्ड जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति बनाई जाएगी, जो 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।'
भूपेंद्र पटेल ने जाति जनगणना के मुद्दे पर भी बात की और कहा, 'जाति जनगणना होनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी अब इसके पक्ष में है, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। यदि कांग्रेस उस समय समर्थन करती, तो हमें आज आपके सामने खड़े होकर यह मांग नहीं करनी पड़ती। मैं कांग्रेस के सदस्यों से कहना चाहता हूं कि हम आपके साथ हैं। अब जाति जनगणना को कोई नहीं रोक सकता।'
कमेटी में शामिल सदस्य
UCC पर गठित समिति में 5 सदस्य होंगे। इसमें रिटायर्ड जज रंजना देसाई के अलावा वरिष्ठ IAS अधिकारी सी एल मीना, सीनियर एडवोकेट आर सी कोड़ेकर, पूर्व वीसी दक्षेश ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीताबेन श्रॉफ शामिल हैं।
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