शादी केवल एक रस्म नहीं होती, बल्कि यह दो परिवारों के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध स्थापित करने का अवसर है। लेकिन कभी-कभी कुछ घटनाएं इस खुशी के मौके को खराब कर देती हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में सामने आया है, जहां दूल्हे के कम जेवरात ले जाने के कारण हंगामा खड़ा हो गया। दुल्हन ने जब चढ़ावे के जेवर देखे, तो वह भड़क गई, जिससे दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। बाराती इस स्थिति को देखकर वहां से चले गए, लेकिन विवाद जारी रहा।
दूल्हे और रिश्तेदारों को बंधक बनाना
इस विवाद ने एक गंभीर मोड़ ले लिया जब दुल्हन के परिवार ने दूल्हे और उसके करीबी रिश्तेदारों को बंधक बना लिया। इसके बाद पंचायत बुलाई गई, जिसमें दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ। दुल्हन ने जेवरात की कमी के कारण शादी करने से मना कर दिया, जिससे बारात को बिना दुल्हन के लौटना पड़ा।
पंचायत का निर्णय
गाजीपुर थाना क्षेत्र के सुकेती गांव के राम किशोर राजपूत ने अपने बेटे की शादी बिंदकी के चुरामन खेड़ा गांव में तय की थी। बारात धूमधाम से पहुंची और सभी रस्में पूरी की गईं। लेकिन जब दूल्हे के परिजन दुल्हन के लिए लाए गए जेवर दिखाने आए, तो दुल्हन के पिता ने उन्हें कम बताया। दुल्हन ने जब यह सुना, तो वह भी जेवर देखने आई और शादी से इंकार कर दिया। बिंदकी थाने के इंस्पेक्टर रविंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में किसी ने शिकायत नहीं की, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई।
समझौता और वापसी
दूल्हे और उसके रिश्तेदारों को बनाया बंधक…
दुल्हन के इनकार के बाद, दुल्हन पक्ष ने दूल्हे और उसके रिश्तेदारों को बंधक बना लिया। पंचायत शनिवार रात से शुरू हुई और रविवार दोपहर को समाप्त हुई। दुल्हन के पिता ने स्वागत में खर्च हुए पैसे की मांग की। 8 घंटे बाद जब खर्च का हिसाब हुआ, तो दूल्हे के पिता ने सहमति दी और बारात बिना दुल्हन के लौट गई। दुल्हन के पिता ने 15 दिन में हिसाब करने का वादा किया है। अंततः दोनों पक्षों ने आपसी बातचीत से मामले को सुलझा लिया।
You may also like
जो समझते हैं महाभारत को झूठ वो देख लें महाभारत को सच साबित करने वाले ये 9 जिन्दा सबूत 〥
भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्राएं: चुनौतियों का सामना करें
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री: बागेश्वर धाम के बाबा की संपत्ति और कमाई पर चर्चा
सवा चार किमी की पैदल चढ़ाई कर सबरीमाला मंदिर जाएंगी द्रौपदी मुर्मू, बनेंगी भगवान अयप्पा का दर्शन करने वाली पहली राष्ट्रपति..
शुभमन गिल के साथ खेलना मेरे क्रिकेट करियर के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है: साई सुदर्शन