Next Story
Newszop

बदल जाएगी भारत की तकदीर! इस राज्य की धरती के नीचे छिपा है 1 लाख टन सोना – 23 हेक्टेयर में फैला है 'सोने का समंदर'

Send Push

भोपाल : मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में ज़मीन के नीचे 1 लाख टन से अधिक सोना दबा होने का अनुमान है। यह कीमती खजाना जिले के चकरिया गोल्ड ब्लॉक में लगभग 23.57 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह खोज न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी, बल्कि देशभर में खनन क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत भी मानी जा रही है। अब यहां से जमीन का सीना चीरकर निकलेगा असली सोना – जो बदलेगा राज्य का भविष्य।

अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां करीब 1.33 लाख टन से अधिक सोने का भंडार ज़मीन के नीचे मौजूद है, जो कि प्रदेश को देश के अग्रणी खनिज उत्पादक राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।

कैसे और कहां मिला सोने का भंडार? सिंगरौली के चकरिया इलाके में विस्तृत भूवैज्ञानिक सर्वे और परीक्षणों के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि करीब 23.57 हेक्टेयर क्षेत्र में सोने की भारी मात्रा में उपलब्धता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस खनिज संपदा से लगभग 1 लाख 76 हजार 600 ग्राम शुद्ध सोना निकाला जा सकता है। यह खोज न सिर्फ राज्य के लिए आर्थिक दृष्टि से लाभकारी होगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि मानी जा रही है।

खनन का जिम्मा किसे मिला? इस बहुमूल्य सोने की खदान को व्यावसायिक रूप देने के लिए राज्य सरकार ने चकरिया गोल्ड ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस प्रक्रिया में अडानी समूह की कंपनी गरिमा नेचुरल प्राइवेट लिमिटेड ने सफलता हासिल की है। कंपनी अगले 5 वर्षों में करीब 18,536 टन सोना निकालने की योजना पर काम करेगी। इसके लिए अत्याधुनिक मशीनरी और तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

मध्य प्रदेश बनेगा ‘मिनरल स्टेट ऑफ इंडिया’? मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर उत्साह जताते हुए कहा है कि यह खोज प्रदेश को ‘मिनरल स्टेट ऑफ इंडिया’ बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल एक शुरुआत है, आने वाले समय में मध्य प्रदेश देश के सबसे समृद्ध खनिज क्षेत्रों में से एक बनकर उभरेगा।

सिर्फ सोना नहीं, सिंगरौली है खनिजों का खजाना सिंगरौली जिले की भौगोलिक संरचना खनिज संसाधनों से भरपूर है। मिसिरगवां आयरन ब्लॉक, गुरहर पहाड़, सिल्फोरी, सिधार, अमिलहवा और सोनकुरवा जैसे क्षेत्रों में भी खनिजों की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। इससे यह स्पष्ट है कि यह इलाका केवल कोयले के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य बहुमूल्य खनिजों के लिए भी जाना जाएगा।

राजस्व और रोजगार में बढ़ोतरी की उम्मीद राज्य सरकार को उम्मीद है कि खनन परियोजना से न केवल राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। अगले एक वर्ष के भीतर कंपनियां अपनी तैयारियों के साथ खनन कार्य शुरू कर देंगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को भी बल मिलेगा।

Loving Newspoint? Download the app now