नई दिल्ली, 18 मई . कर्नाटक के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने हाल ही में जानकारी दी कि ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग फॉक्सकॉन की बेंगलुरु स्थित यूनिट लॉन्च के लिए लगभग तैयार है. इसी के साथ, जून की शुरुआत में ही कमर्शियल आईफोन की शिपमेंट शुरू होने की उम्मीद है.
देश अब वैश्विक स्तर पर ‘मेक इन इंडिया’ पहल की राह पर अग्रसर है. रिपोर्ट्स की मानें तो टेक्नोलॉजी दिग्गज एप्पल अगले साल तक अमेरिका के लिए आईफोन की पूरी असेंबली भारत में शिफ्ट कर सकता है.
पाटिल के अनुसार, “देवनहल्ली आईटीआईआर में फॉक्सकॉन की यूनिट लॉन्च के लिए लगभग तैयार है और जून की शुरुआत में ही कमर्शियल आईफोन की शिपमेंट शुरू होने की उम्मीद है.”
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि यह केवल मैन्युफैक्चरिंग का मील का पत्थर नहीं है.
राज्य मंत्री ने कहा, “यह एक रणनीतिक बदलाव है. भू-राजनीतिक और टैरिफ दबाव बढ़ने के साथ, भारत तेजी से एप्पल का पसंदीदा उत्पादन केंद्र बन रहा है. यह विकास वैश्विक विनिर्माण में कर्नाटक की स्थिति को मजबूत करता है और हितधारकों के हितों से समझौता किए बिना अधिक विदेशी निवेश के द्वार खोलता है.”
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने पुष्टि की है कि जून तिमाही के लिए, अमेरिका में बेचे जाने वाले अधिकांश आईफोन भारत में बनाए जाएंगे.
पाटिल ने कहा, “एक कन्नड़ व्यक्ति के रूप में, यह एक गर्व का क्षण है. मैसूर से क्यूपर्टिनो तक, कर्नाटक वैश्विक सुर्खियां बटोर रहा है.”
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, भारत अब वैश्विक स्तर पर मेक इन इंडिया हासिल कर रहा है. भारत में एप्पल के कॉन्ट्रैक्ट निर्माता पहले से ही अपने परिचालन का विस्तार कर रहे हैं.
बेंगलुरु में फॉक्सकॉन का नया प्लांट पूरी क्षमता से 20 मिलियन आईफोन का उत्पादन कर सकता है.
भारत में एप्पल की मैन्युफैक्चरिंग पावर पहले से ही प्रभावशाली है. पिछले साल भारत में 22 बिलियन डॉलर के आईफोन असेंबल किए गए, जिसमें तमिलनाडु स्थित फॉक्सकॉन ने एप्पल के निर्यात में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान दिया.
पिछले साल की समान अवधि की तुलना में फॉक्सकॉन के कारखाने से निर्यात में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.
आज, एप्पल के दुनिया भर में कुल आईफोन उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा भारत में है, जो दर्शाता है कि ब्रांड की वैश्विक योजनाओं के लिए यह देश कितना महत्वपूर्ण बन गया है.
भारतीय बाजार में भी एप्पल के लिए मजबूत वृद्धि देखी जा रही है. अकेले 2025 की पहली तिमाही में, भारत से तीन मिलियन से अधिक आईफोन भेजे गए, जो कि एक नया रिकॉर्ड बनाता है.
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एसकेटी/केआर
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