लखनऊ, 16 जुलाई . Chief Minister योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आपदा जोखिम न्यूनीकरण को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. राज्य में आपदा प्रबंधन को अधिक प्रभावी, समन्वित, वैज्ञानिक और सशक्त बनाने के उद्देश्य से राहत आयुक्त कार्यालय, उत्तर प्रदेश तथा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के मध्य एक महत्त्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर सम्पन्न हुआ.
यह समझौता प्रदेश में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन कार्यक्रमों को लागू करने, राज्य की संस्थागत क्षमता को सशक्त बनाने और बहुस्तरीय आपदा प्रबंधन व्यवस्था को तकनीकी दृष्टिकोण पर आधारित बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत है.
Chief Minister योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में Wednesday को यह समझौता सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर यूएनडीपी की भारत प्रमुख एवं रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव एंजेला लुसीगी विशेष रूप से उपस्थित रहीं. उन्होंने Chief Minister से शिष्टाचार भेंट कर उत्तर प्रदेश सरकार की आपदा प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की और यूएनडीपी की ओर से राज्य को हरसंभव तकनीकी सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया.
इस समझौते का उद्देश्य राज्य के विभिन्न स्तरों पर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन कार्यक्रमों की व्यापक श्रृंखला को लागू करना है, जिससे राज्य की आपदा प्रबंधन प्रणाली अधिक समावेशी, जवाबदेह और प्रभावी बन सके. इसके अंतर्गत जिला और विभागीय स्तर पर आपदा प्रबंधन योजनाओं के विकास से लेकर जोखिम मूल्यांकन, सूचना प्रणाली के सुदृढ़ीकरण, प्रशिक्षण, संसाधन क्षमता निर्माण, अर्ली वार्निंग सिस्टम की स्थापना तथा परियोजना प्रबंधन तक विभिन्न पहलों को क्रियान्वित किया जाएगा. यह साझेदारी राज्य को आपदा न्यूनीकरण के वैश्विक मानकों से जोड़ते हुए स्थानीय जरूरतों के अनुरूप कार्यान्वयन में मदद करेगी.
समझौते के प्रमुख बिंदुओं में 75 जिलों में जिला आपदा प्रबंधन योजनाओं और 15 विभागों की विभागीय आपदा प्रबंधन योजनाओं का विकास शामिल है. राज्य के 10 विभागों के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा. साथ ही 20 प्रमुख शहरों में संभावित आपदाओं को ध्यान में रखते हुए जोखिम व संवेदनशीलता का मूल्यांकन कराया जाएगा. इन्हीं शहरों में शहरी आपदा प्रबंधन योजनाएं भी विकसित की जाएंगी.
तकनीकी मोर्चे पर राज्य स्तर की आपदा सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए इसे एकीकृत किया जाएगा. इसके लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं, मूल्यांकन अध्ययन, आवश्यक आईसीटी उपकरणों की उपलब्धता तथा राहत आयुक्त कार्यालय में परियोजना प्रबंधन यूनिट की स्थापना की जाएगी, ताकि सभी गतिविधियाँ सुगठित एवं प्रभावशाली ढंग से संचालित हो सकें.
कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आगामी तीन वर्षों में कुल 19.99 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है. यह धनराशि चरणबद्ध तरीके से व्यय की जाएगी और यूएनडीपी द्वारा प्रस्तुत तकनीकी प्रस्तावों के अनुरूप क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा. State government इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की संस्तुति के अनुरूप आगे बढ़ा रही है, जिसने यूएनडीपी को इस क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए अधिकृत किया है.
इस अवसर पर Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपदा प्रबंधन आज के समय की एक अनिवार्य प्रशासनिक प्राथमिकता है. तकनीकी दक्षता, प्रशिक्षण और पूर्व तैयारी के समन्वय से ही हम आपदा के प्रभाव को कम कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह साझेदारी राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को विश्वस्तरीय बनाएगी और शासन-प्रशासन को वैज्ञानिक ढंग से निर्णय लेने में समर्थ बनाएगी. उन्होंने कहा कि यह प्रयास उत्तर प्रदेश के आपदा न्यूनीकरण प्रयासों को नई दिशा देगा. इससे प्रदेश में जीवन, संपत्ति और अवसंरचना की रक्षा के लिए समेकित रणनीति पर कार्य करना अधिक सुगम होगा और आपदा प्रबंधन की दिशा में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकेगा.
यूएनडीपी की भारत प्रमुख एंजेला लुसीगी ने भी Chief Minister से भेंट के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की. उन्होंने कहा कि State government की प्रतिबद्धता और तत्परता इस समझौते को धरातल पर सफल बनाने में सहायक सिद्ध होगी. उन्होंने यह भी बताया कि यूएनडीपी तकनीकी सहायता के साथ-साथ नीति निर्माण, योजना विकास और जमीनी कार्यान्वयन तक हर स्तर पर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ सहयोग करेगा.
–
डीकेपी
The post उत्तर प्रदेश के 75 जिलों और 15 विभागों में विकसित होंगी आपदा प्रबंधन योजनाएं, शहरी क्षेत्रों के लिए भी बनेगी विशेष रणनीति first appeared on indias news.