New Delhi, 17 अगस्त . घर की जिम्मेदारी हो या नौकरी की भागदौड़, आज की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं. बच्चों का ख्याल, बुजुर्गों की देखभाल, ऑफिस का प्रेशर और बाकी कामों की लंबी लिस्ट… इसी भागमभाग में अक्सर महिलाएं सबसे जरूरी चीज भूल जाती हैं और वो है अपनी खुद की सेहत का ख्याल रखना. डॉक्टरों का कहना है कि 30 की उम्र के बाद महिलाओं में कैल्शियम की कमी तेजी से देखी जा रही है. कैल्शियम हमारे शरीर की सबसे जरूरी चीज है. यह न सिर्फ हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है, बल्कि दिल की धड़कन, नसों के कामकाज और मांसपेशियों की मजबूती के लिए भी जरूरी है. लेकिन कैल्शियम की कमी पर जब तक महिलाएं ध्यान देती हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है.
अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, अगर समय रहते महिलाओं के शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा न किया जाए, तो आगे चलकर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. सबसे ज्यादा असर हड्डियों पर पड़ता है. हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और थकावट हमेशा बनी रहती है. यहां तक कि ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी भी हो सकती है, जिसमें हड्डियां बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती हैं और हल्की सी चोट में भी फ्रैक्चर हो सकता है.
वैज्ञानिक रिसर्च में महिलाओं में कैल्शियम की कमी के कई कारण सामने आए हैं. सबसे बड़ा कारण उम्र बढ़ने के साथ शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है. खासकर मेनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है.
इसके अलावा गर्भावस्था और स्तनपान के समय महिला का शरीर बच्चे को पोषण देने के लिए अपने अंदर जमा कैल्शियम का अधिक इस्तेमाल करता है, जिससे कमी हो सकती है. यदि इस समय पर कैल्शियम युक्त आहार न लिया जाए तो दिक्कत बढ़ सकती है.
वहीं अनियमित खानपान भी कैल्शियम की कमी की एक बड़ी वजह है. दूध, दही, हरी सब्जियां और दूसरे जरूरी खाद्य पदार्थ न खाने से कैल्शियम का स्तर गिरता है. आजकल की जीवनशैली में अधिकतर कार्य बैठे-बैठे होते हैं. शारीरिक गतिविधियों की कमी भी हड्डियों को कमजोर कर देती है. ज्यादा चाय, कॉफी और प्रोसेस्ड फूड खाने से भी शरीर से कैल्शियम बाहर निकलने लगता है.
कैल्शियम की कमी के कुछ आम लक्षण भी होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जैसे कि हड्डियों और जोड़ों में लगातार दर्द रहना, मांसपेशियों में खिंचाव या ऐंठन, दांतों का कमजोर होना या टूटना और हर समय थका-थका महसूस करना. ये सभी संकेत हैं कि शरीर को कैल्शियम की जरूरत है.
कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए महिलाओं को अपनी डाइट में कुछ खास चीजें शामिल करनी चाहिए, जैसे कि दूध, दही, पनीर और छाछ जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स रोजाना लेने चाहिए, क्योंकि ये कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं. इसके अलावा, पालक, मेथी, बथुआ और सरसों का साग जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां भी भरपूर कैल्शियम देती हैं. बादाम, अंजीर, तिल और अलसी जैसे सूखे मेवे और बीज भी हड्डियों को मजबूती देते हैं. इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं.
इसके अलावा कुछ आसान आदतें हैं जो कैल्शियम की कमी से बचा सकती हैं, जैसे कि रोजाना करीब 15 मिनट धूप में बैठना, ताकि शरीर को विटामिन डी मिल सके, जो कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है. साथ ही नियमित योग भी हड्डियों को मजबूत बनाता है. अगर डाइट में नियमित रूप से कैल्शियम और प्रोटीन शामिल किया जाए, तो महिलाओं की हड्डियां लंबे समय तक मजबूत बनी रह सकती हैं.
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पीके/एएस
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