नई दिल्ली, 23 अक्टूबर . पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया का मानना है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की ओर जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले जारी रखना भारत-पाकिस्तान के संबंधों में सामान्य स्थिति की किसी भी उम्मीद को कम करती हैं.
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में आतंकवादियों ने रविवार को सात निहत्थे और निर्दोष नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी. पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस्लामाबाद की यात्रा के कुछ दिन बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला हुआ है. वह एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद गए थे. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री इशाक डार से मिले थे.
बिसारिया ने मंगलवार को नई दिल्ली में एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 में से बातचीत के दौरान कहा, “भारत-पाकिस्तान संबंधों में आतंकवाद एक बड़ी बाधा है, जो शांति और स्थिरता की संभावना को कम कर देता है. दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों का इतिहास रहा है.”
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा में कुछ सकारात्मकता थी, भले ही पिछले हफ्ते उनके 24 घंटे के इस्लामाबाद प्रवास में कोई औपचारिक द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई.
भारत ने संबंधों को स्थिर करने के लिए मजबूत संकेत दिए. कोई औपचारिक द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई, लेकिन कम से कम ऐसा कुछ भी नहीं था जो बहुत नकारात्मक था. इसलिए उम्मीद थी कि कुछ आगे सकारात्मक होगा. लेकिन श्रीनगर में आतंकी हमले हमेशा इस संबंध के लिए बड़ा खतरा पैदा करते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक गंभीर संकट से गुजर रहा है, विशेष रूप से अपनी पश्चिमी सीमा पर एक बड़ी सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहा है.
अजय बिसारिया ने कहा, “पाकिस्तान एक बड़ी आर्थिक चुनौती का सामना कर रहा है. पाकिस्तान 24वें आईएमएफ कार्यक्रम में शामिल हो चुका है, और दीर्घकालिक मुद्दे अभी तक हल नहीं हुए हैं. राजनीतिक हलचल भी चल रही है, क्योंकि नागरिक-मिलिट्री संबंध भी अच्छे नहीं हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में हैं. इस समय पाकिस्तान खुद एक अस्थिर स्थिति में है.”
2017 में पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, बिसारिया को अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद इस्लामाबाद द्वारा देश छोड़ने के लिए कहा गया था. इसके बाद मार्च 2020 से जून 2022 तक वे कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे.
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