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भारतीय इस्पात संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम मोहन चरण माझी से की मुलाकात

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भुवनेश्वर, 15 मई . भारतीय इस्पात संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद नवीन जिंदल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज लोक सेवा भवन में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की. बैठक में देश में इस्पात उत्पादन बढ़ाने और इसमें ओडिशा की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा हुई.

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए नवीन जिंदल ने कहा, “भारत वर्तमान में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है और ओडिशा इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. राज्य देश के लगभग 65 प्रतिशत लौह अयस्क का उत्पादन करता है और भारत के इस्पात उत्पादन में लगभग 20-25 प्रतिशत का योगदान देता है. इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश के साथ, ओडिशा इस्पात निर्माण के लिए अत्याधिक अनुकूल वातावरण प्रदान करता है.”

जिंदल ने निर्बाध लौह अयस्क आपूर्ति के लिए उद्योग की अपेक्षाओं पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हमें आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार नए खनन ब्लॉक ला रही है और लौह अयस्क की कमी न हो, इसके लिए उत्पादन में तेजी ला रही है. यह हमारे प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक भारत को सालाना 500 मिलियन टन स्टील उत्पादन के साथ एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है.”

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने पारदर्शी तरीके से कोयला ब्लॉक आवंटित किए हैं और राज्य ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (ओएमसी) के माध्यम से लौह अयस्क सहित कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है. औद्योगिक विस्तार के लिए सुविधा के रूप में बुनियादी ढांचे के विकास, विशेष रूप से सड़कों और राजमार्गों पर भी चर्चा की गई.

जेएसपीएल के अंगुल प्लांट में तिरंगा यात्रा के अवसर पर नवीन जिंदल ने कहा, “हमने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए भारतीय सशस्त्र बलों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए आज हजारों प्रतिभागियों के साथ तिरंगा मार्च का आयोजन किया. इसने पूरे देश में एक नई ऊर्जा का संचार किया है.”

उन्होंने घोषणा की कि कंपनी शहीद सैनिकों के परिवारों और हाल की घटनाओं के कारण जम्मू में प्रभावित लोगों को 5 करोड़ रुपये का योगदान देगी. हम न केवल अपने सशस्त्र बलों को बल्कि प्रभावित समुदायों को भी अपना समर्थन देना चाहते हैं.

तुर्की द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने पर उन्होंने कहा कि भारत के तुर्की के साथ हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, लेकिन जिस तरह से उसने खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन किया है, उससे भारतीयों को निराशा हुई है. कई लोग अब ऐसे देश में पैसा खर्च करने की प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं, जो हमारे खिलाफ खड़ा है. मुझे उम्मीद है कि तुर्की को अपनी गलती का एहसास होगा और वह अपना रास्ता सुधारेगा.

एकेएस/जीकेटी

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