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आपको भी तो नहीं 'फेक स्लीप' की आदत! अगर हां तो इन बातों को गांठ बांध लें

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नई दिल्ली, 12 मई . काम का तनाव, दिन भर की थकान और कई तरह के दबाव के बीच बेशक नींद एक तोहफा है, जो हमें स्वस्थ रखती है. भरपूर नींद हमारे लिए जितना फायदेमंद है, नकली नींद या फेक स्लीप उतनी ही खतरनाक. अब देखना है कि आपको इसकी आदत तो नहीं हैं और हैं तो कैसे इससे पीछा छुड़ा सकते हैं?

इस फेक स्लीप का कनेक्शन लीकर यानी शराब से भी है. एक्सपर्ट दावा करते हैं कि जो लोग ये कहते हैं कि शराब पीकर उन्हें अच्छी नींद आती है, दरअसल, वो भ्रम का शिकार होते हैं.

सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने इसे लेकर इंस्टाग्राम पोस्ट में बड़ी बात कही है. उनके अनुसार, शराब पीने के बाद आप सोते नहीं, बल्कि बेहोश होते हैं. कहती हैं, “शराब पीकर सोने से आपकी रैपिड आई मोमेंट (आरईएम) बढ़ती है, जो नींद को कम करती है. यह आपकी सर्कैडियन लय, जिसे ‘आंतरिक घड़ी’ कहते हैं, के चक्र को भी छोटा करती है. यह तब होता है जब शराब का असर आधी रात के बाद कम होने लगता है.”

‘स्लीप फाउंडेशन प्रोफाइल’ की रिसर्च भी बताती है कि शराब का नींद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. सोने से पहले शराब पीने से आपकी नींद खराब हो सकती है और अगले दिन आप थका हुआ महसूस कर सकते हैं. नियमित रूप से शाम या रात को शराब पीने वाले 90 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें नींद से संबंधित समस्या है और सुबह उठने के बाद कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

आपका कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, परिणामस्वरूप आपकी नींद सुबह 3-4 बजे तक ही खुल जाती है. यही नहीं, मान लीजिए आपने 6-7 घंटे की नींद ले ली, तो भी अगले दिन उठने के बाद आप थके हुए, चिड़चिड़े, सुस्त महसूस करेंगे. पानी की कमी शरीर में होगी, वो अलग. ऐसा इसलिए क्योंकि आप भले ही सो जाएं, लेकिन आपका शरीर नहीं सो पाता. आपकी यह कंडिशन अगले दिन फिर से ड्रिंक लेने के लिए उकसाएगी ताकि आप आज रात बेहतर नींद ले सकें और इस तरह से चक्र शुरू होता है. भ्रम या फेक स्लीप का, वास्तव में शराब बेहतर नींद लेने में मददगार नहीं होता है. ऐसे में विशेषज्ञ शराब से परहेज की सलाह देते हैं.

एमटी/केआर

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