बीजिंग, 24 अप्रैल . हाल ही में घरेलू लोगों के कड़े विरोध के बावजूद, फिलीपींस ने अमेरिका के साथ 2025 “कंधे से कंधा मिले” वार्षिक सैन्य अभ्यास शुरू किया और अभ्यास स्थल को बाटानेस द्वीप समूह तक विस्तारित किया, जो थाईवान के करीब है. विश्लेषकों ने इस कदम को थाईवान जलडमरूमध्य में अमेरिका और फिलीपींस द्वारा संयुक्त हस्तक्षेप के स्पष्ट संकेत के रूप में देखा, जिससे चीन का कड़ा विरोध हुआ और क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया.
चीनी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि वह थाईवान मुद्दे का इस्तेमाल क्षेत्रीय सैन्य तैनाती को मजबूत करने और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर करने के बहाने के रूप में करने वाले किसी भी देश का दृढ़ता से विरोध करता है.
हालांकि, फिलीपींस का दावा है कि यह अभ्यास किसी देश के उद्देश्य से नहीं है, लेकिन अभ्यास का पैमाना और पर्यवेक्षक देशों की संख्या सभी “यहां सच्चाई को छिपाने” की उसकी शर्मिंदगी को दर्शाते हैं. इससे भी अधिक उल्लेखनीय बात यह है कि अमेरिका ने फिलीपींस में नए आक्रामक हथियारों और उपकरणों को ले जाने का अवसर लिया, जिससे क्षेत्रीय टकराव का खतरा बढ़ गया.
अमेरिका और फिलीपींस ने थाईवान जलडमरूमध्य और दक्षिण चीन सागर में हलचल मचाने के लिए हाथ मिला लिया है, जिसके पीछे हितों के आदान-प्रदान का काला विचार है. अमेरिका ने हमेशा फिलीपींस के साथ अपने गठबंधन को महत्व दिया है और सैन्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को लगातार मजबूत किया है, जिसका उद्देश्य चीन को नियंत्रित करने के लिए फिलीपींस को और अधिक मजबूती से बांधना है.
दूसरी ओर, ऐतिहासिक कारणों और वर्तमान राष्ट्रपति की पारिवारिक संपत्तियों के कारण, फिलीपींस अमेरिकी रथ से बंधे रहने और अपनी रणनीतिक स्वायत्तता खोने के लिए तैयार है.
लेकिन, फिलीपींस को लगता है कि थाईवान मुद्दे पर चीन को भड़काने से उसे दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर अमेरिका से ज्यादा समर्थन मिलेगा. यह बेहद मूर्खतापूर्ण और खतरनाक कदम है. चीन ने बहुत पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि थाईवान मुद्दा चीन के मूल हितों का केंद्र है और एक चीन एक लाल रेखा है, जिसे पार नहीं किया जा सकता. फिलीपींस न केवल दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर परेशानी भड़काता है, बल्कि थाईवान मुद्दे पर अमेरिका के लिए आग से खेलना भी चाहता है. इसका नतीजा सिर्फ आग से खेलना और जलना ही हो सकता है.
अमेरिका-फिलीपींस सैन्य अभ्यास ने भी फिलीपिनी लोगों के बीच कड़ा विरोध पैदा कर दिया है. उनका मानना है कि सैन्य अभ्यास न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा है, बल्कि क्षेत्रीय तनाव को भी बढ़ाता है. साथ ही, आसियान देश भी अपनी केंद्रीय स्थिति और एकजुटता पर जोर देते हैं, जिससे एकता और सहयोग को मजबूत करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद है.
थाईवान जलडमरूमध्य में फिलीपींस के उत्तेजक व्यवहार ने न केवल चीन के मूल हितों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को भी कमजोर किया है. फिलीपींस को स्थिति को पहचानना चाहिए, तर्कसंगतता पर लौटना चाहिए, उत्तेजक व्यवहार को रोकना चाहिए और क्षेत्रीय देशों के साथ मिलकर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए. अन्यथा, आग से खेलने और जलने की त्रासदी से बचना मुश्किल होगा.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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एबीएम/
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