New Delhi, 15 अगस्त. वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शर्मा के पार्थिव शरीर का दिल्ली के निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. मौके पर उनके परिजन, मित्र, पत्रकार साथी और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे. सभी ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी. Tuesday (12 अगस्त) को वरिष्ठ पत्रकार का निधन हो गया था. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन से पत्रकारिता जगत में गहरा शोक व्याप्त है.
अंतिम संस्कार के समय मौजूद पत्रकारों ने कहा कि दिनेश शर्मा का जाना मीडिया जगत के लिए अपूरणीय क्षति है और इसकी भरपाई नहीं की जा सकती.
मातृ श्री मीडिया के संयोजक दिनेश शर्मा पत्रकारिता के क्षेत्र में चार दशक से भी अधिक समय तक सक्रिय रहे. पंजाब केसरी में कार्य करते हुए उन्होंने निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता करते हुए समाज के अहम मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. मातृ श्री मीडिया के माध्यम से भी उन्होंने अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
दिनेश शर्मा जनहित पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे. उनकी कलम हमेशा सच के पक्ष में रही. आपातकाल (1975) के दौरान वे निडरता से पत्रकारिता करते हुए जेल भी गए.
वह मातृ श्री मीडिया अवॉर्ड समिति के संयोजक थे. यह संस्था 1975 से हर वर्ष 25 उत्कृष्ट पत्रकारों को सम्मानित करती आ रहा है. इस मंच पर एल.के. आडवाणी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, डॉ. हर्षवर्धन, अजय माकन, मुख्तार अब्बास नकवी, रविशंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन, संबित पात्रा जैसे बड़े नेता और विशेष रूप से पंजाब केसरी के अश्विनी कुमार शामिल होकर उन्हें प्रोत्साहित करते रहे.
दिनेश शर्मा का नारा था, “लेखनी जो सत्ता की दासी नहीं रही, सरकारी इनामों की भी प्यासी नहीं रही, यह स्वाभिमान अपना जगाती ही रहेगी और नकाब गद्दारों के उठाती ही रहेगी.”
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पीएके/केआर
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