पटना, 18 मई . बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अपने चार दिवसीय दौरे के तहत, भारत के चुनाव आयुक्त विवेक जोशी ने रविवार को वाल्मीकि नगर में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान संवेदनशील भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में चुनावी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया.
बैठक में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), वन विभाग और जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.
इस दौरान एसएसबी ने एक विस्तृत पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन पेश किया, जिसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निगरानी अभियानों और सीमा सुरक्षा उपायों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई.
चुनाव आयुक्त विवेक जोशी ने सीमावर्ती जिलों के सामरिक महत्व पर बल दिया. इसके साथ ही सुरक्षित एवं समावेशी चुनाव के लिए समन्वित अंतर-एजेंसी कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में मतदाताओं की प्रभावी भागीदारी महत्वपूर्ण है और निगरानी के साथ-साथ पहुंच और प्रशासनिक तैयारी भी होनी चाहिए.
चुनाव आयुक्त ने एसएसबी को स्थानीय पुलिस और जिला प्राधिकारियों के साथ समन्वय बढ़ाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही यह भी सुझाव दिया कि बल के पास उपलब्ध अतिरिक्त मानवशक्ति को चुनाव संबंधी कर्तव्यों के लिए तैनात किया जाए.
क्षेत्र में पिछले चुनावों के सफल आयोजन की सराहना करते हुए जोशी ने एसएसबी, वन विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन के बीच तालमेल को स्वीकार किया. उन्होंने थारू जनजातीय कलाकारों के साथ भी बातचीत की तथा क्षेत्र के लोकतांत्रिक लोकाचार के जीवंत हिस्से के रूप में उनके सांस्कृतिक योगदान की सराहना की.
इसके बाद जोशी ने वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय, बगहा-2 स्थित मतदान केंद्र 14 से 17 का दौरा किया. उन्होंने बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के साथ भी चर्चा की, जिसमें मतदाता जागरूकता और हाल के प्रशिक्षण सत्रों के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया गया.
बीएलओ ने चुनाव आयुक्त को बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा नई दिल्ली में आयोजित प्रशिक्षण से उनकी तैयारी और आत्मविश्वास में काफी सुधार हुआ है.
जोशी ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुजियाल से आग्रह किया कि वह यह सुनिश्चित करें कि राज्य में इस तरह के प्रशिक्षण सत्रों में कानूनी साक्षरता, तकनीकी दक्षता और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया जाए.
उन्होंने बूथ स्तर पर बीएलओ, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) और सहायक ईआरओ के साथ-साथ राजनीतिक दलों के बूथ स्तरीय एजेंटों की सक्रिय भागीदारी के महत्व पर बल दिया.
जोशी ने जिले की चुनाव तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पश्चिमी चंपारण का मतदान प्रतिशत लगातार राज्य के औसत से अधिक रहा है. उन्होंने स्थानीय प्रशासन को मतदाता भागीदारी को और बढ़ाने के लिए रचनात्मक तथा लक्षित मतदाता संपर्क पहल शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया.
उन्होंने कहा कि यह दौरा जमीनी स्तर पर स्थिति को समझने के लिए महत्वपूर्ण था. उन्होंने जिला अधिकारियों के सक्रिय सहयोग की सराहना करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले चुनाव प्रबंधन के लिए समर्पित टीमों के गठन का निर्देश दिया.
वाल्मीकि नगर में अपने कार्यक्रम समाप्त करने के बाद चुनाव आयुक्त पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) के लिए रवाना हो गए और कल वैशाली और पटना होते हुए नई दिल्ली लौटने वाले हैं.
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पीएसके/एकेजे
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