टोक्यो, 4 जुलाई . जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने शुक्रवार को जापान के रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी से शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान दोनों देशों के बीच इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों पर चर्चा हुई.
जापान के रक्षा मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “4 जुलाई को रक्षा मंत्री नाकातानी ने जापान में भारत के राजदूत से शिष्टाचार भेंट प्राप्त की. दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जापान-भारत रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया. हम भारत के साथ करीबी सहयोग जारी रखेंगे.”
भारत-जापान रक्षा और सुरक्षा साझेदारी दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. हाल के वर्षों में रणनीतिक मुद्दों पर बढ़ते सामंजस्य के चलते यह सहयोग और अधिक मजबूत हुआ है. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को लेकर दोनों देशों की समान सोच इस सहयोग को और भी अधिक प्रासंगिक बनाती है.
इससे पहले मई में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापानी समकक्ष नाकातानी के बीच नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता हुई थी. दोनों नेताओं ने रक्षा संबंधों को और गहरा करने और आतंकवाद सहित क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से मिलकर निपटने की प्रतिबद्धता जताई थी.
जापान के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, “मंत्री नाकातानी ने हाल के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय हालात को देखते हुए जापान और भारत के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. दोनों देश ‘नियम आधारित शांति और समृद्धि’ के साझा आदर्शों में विश्वास करते हैं.”
बयान में आगे कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रक्षा क्षेत्र की पहलों को मिलाकर व्यापक तालमेल और समन्वय की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की.
बता दें कि यह बैठक ऐसे समय हुई जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी. जापानी रक्षा मंत्री ने इस हमले को लेकर भारत के प्रति एकजुटता व्यक्त की और कहा कि जापान आतंकवाद के खिलाफ भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.
भारत और जापान के बीच लंबे समय से मित्रवत संबंध रहे हैं, जो 2014 में “विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी” के रूप में नई ऊंचाई तक पहुंचे हैं. इस साझेदारी के तहत दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार, तकनीक और क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग को मजबूती मिली है.
बैठक का समापन दोनों पक्षों की इस मजबूत प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि वे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे और रक्षा सहयोग को एक नई दिशा देंगे.
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डीएससी/
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