By Jitendra Jangid- दोस्तो जैसा कि हम सब देख रहे हैं कि लोग अपना घर किराए पर देते हैं और अच्छा खासा पैसा कमाते हैं, लेकिन बिना नियम कायदो और रेंट एग्रिमेंट के बिना रेंट पर अपनी संपत्ति देने से नुकसान हो सकता है, इनकी अनदेखी करने पर आपको जुर्माना, आयकर विभाग से नोटिस या किरायेदारों के साथ विवाद हो सकता है। हर मकान मालिक को ये ज़रूरी बातें याद रखनी चाहिए, आइए जानते हैं इनके बारे में

₹1 लाख प्रति वर्ष से ज़्यादा किराए के लिए पैन ज़रूरी
अगर वार्षिक किराया ₹1 लाख से ज़्यादा है, तो किरायेदार को हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का दावा करने के लिए आपके पैन की ज़रूरत होगी।
अपने ITR में इस किराए की आय न दिखाने पर कर विभाग आपकी जाँच कर सकता है।
₹50,000 प्रति माह से ज़्यादा किराए पर TDS कटौती
किरायेदारों को ₹50,000 से ज़्यादा मासिक किराए पर 5% TDS काटना होगा।
यह कटौती आपके फॉर्म 26AS में दिखाई देती है, इसलिए टैक्स नोटिस से बचने के लिए इसे अपने ITR में ज़रूर बताएँ।
नकद में किराया लेने से बचें
बड़े नकद लेन-देन संदेह पैदा कर सकते हैं।
उचित रिकॉर्ड के लिए हमेशा बैंक ट्रांसफर, यूपीआई या चेक के माध्यम से भुगतान लें।

एग्रीमेंट में सही किराया दर्ज करें।
स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए किराए को कम न दिखाएँ।
अगर रसीद और एग्रीमेंट में अलग-अलग राशि दिखाई देती है, तो इससे कानूनी जटिलताएँ पैदा हो सकती हैं।
सिक्योरिटी डिपॉजिट रिकॉर्ड करें।
जमा राशि का हमेशा लिखित रिकॉर्ड रखें।
विवाद की स्थिति में, यह कानूनी प्रमाण के रूप में काम करता है।
किरायेदार की जानकारी अच्छी तरह से सत्यापित करें।
पैन के अलावा, आधार, नौकरी का विवरण और पिछला पता भी इकट्ठा करें।
भविष्य के संदर्भ के लिए इस जानकारी को दस्तावेज़ में दर्ज करें।
हर नए किरायेदार के लिए एक नया एग्रीमेंट बनाएँ।
पुराने एग्रीमेंट में बार-बार बदलाव करने से बचें।
कानूनी रूप से अनुपालन बनाए रखने के लिए हर बार एक नया रेंट एग्रीमेंट तैयार करें।
Disclaimer: This content has been sourced and edited from [tv9Hindi]
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