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भूपेश बघेल के घर ईडी की दबिश, बेटे चैतन्य पर शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई, सियासी संग्राम तेज

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छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार सुबह एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के भिलाई स्थित घर पर छापेमारी की। यह छापेमारी उनके बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत की गई।

जानकारी के मुताबिक, ईडी की यह छापेमारी सुबह-सुबह तब हुई जब आमतौर पर लोग अपने दिन की शुरुआत की तैयारी कर रहे होते हैं। ईडी की टीम ने इस कार्रवाई को उस समय अंजाम दिया जब चैतन्य अपने पिता के साथ उसी घर में मौजूद थे। इस अचानक हुई कार्रवाई ने न सिर्फ बघेल परिवार को बल्कि पूरे राजनीतिक माहौल को चौंका दिया।

अधिकारियों के अनुसार, यह रेड प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई है। ईडी को कथित घोटाले से जुड़े कुछ नए सबूत हाथ लगे हैं, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया। बता दें, इसी साल मार्च में भी ईडी ने चैतन्य बघेल के खिलाफ छापेमारी की थी, लेकिन इस बार का मामला और ज्यादा संवेदनशील माना जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस रेड पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "ईडी आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था। भिलाई निवास में 'साहेब' ने ईडी भेज दी है।"

इस बयान से स्पष्ट है कि बघेल इस कार्रवाई को सिर्फ एक कानूनी जांच नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रहे हैं।



ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल कथित शराब घोटाले की आपराधिक आय के प्राप्तकर्ता हो सकते हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, इस घोटाले के चलते राज्य के खजाने को भारी क्षति पहुंची है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में चली गई।

यह मामला अब सिर्फ एक आर्थिक अपराध की जांच नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में गहराते तनाव और आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र बन चुका है। आने वाले दिनों में इस पर और बड़ा बवाल मच सकता है।

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