देश के लाखों होनहार छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। केंद्र सरकार ने पीएम विद्या लक्ष्मी योजना के तहत ऐसा प्रावधान किया है जिससे अब आर्थिक परेशानी के कारण किसी की पढ़ाई अधूरी नहीं रहेगी। इस योजना के तहत योग्य छात्र 10 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन प्राप्त कर सकेंगे। यह पहल उन युवाओं के लिए वरदान साबित होगी जो ऊँची उड़ान भरने का सपना देखते हैं, लेकिन आर्थिक अभाव उनकी राह रोक देता है।
सरकार ने इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए बजट भी तय कर दिया है। मुख्य उद्देश्य है – प्रतिभाशाली और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर देना, चाहे वे भारत में पढ़ना चाहें या विदेश के नामी संस्थानों में।
बिना गारंटर भी मिलेगा लोन
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत है कि छात्र को गारंटर की ज़रूरत नहीं होगी। देश के लगभग 39 राष्ट्रीयकृत बैंक इस योजना से जुड़े हुए हैं। 7.5 लाख रुपये तक के लोन पर केंद्र सरकार 75% तक की क्रेडिट गारंटी देगी। इसका मतलब है कि बैंकों का भरोसा बढ़ेगा और छात्रों को लोन लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
कौन कर सकता है आवेदन?
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- 10वीं और 12वीं में कम से कम 50% अंक होना अनिवार्य है।
- परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- छात्र किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेशित हो।
- लोन अवधि के दौरान छात्र या उसका परिवार गंभीर आर्थिक संकट में न हो।
- 8 लाख रुपये तक की आय वाले परिवार के छात्रों को 3% ब्याज छूट मिलेगी।
- 4.5 लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों को पहले से चल रही ब्याज राहत योजनाओं के साथ इस योजना का अतिरिक्त लाभ भी मिलेगा।
क्यों है यह योजना खास?
अक्सर गारंटर की कमी के कारण कई छात्रों का एडमिशन रुक जाता था, लेकिन इस योजना से वह बाधा खत्म हो जाएगी। साथ ही, विदेश में पढ़ाई का सपना देखने वाले छात्रों के लिए भी यह दरवाजे खोलती है।
किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी?
- आय प्रमाण पत्र
- पहचान पत्र (आधार, पासपोर्ट, वोटर आईडी आदि)
- निवास प्रमाण पत्र
- शैक्षणिक प्रमाण पत्र (10वीं, 12वीं, या अन्य)
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) प्रमाण पत्र
कैसे करें आवेदन?
इच्छुक छात्र Vidya Lakshmi Portal पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहां फॉर्म भरें, ज़रूरी दस्तावेज अपलोड करें और बैंक की स्वीकृति का इंतजार करें। लोन मंजूर होते ही छात्र अपनी पढ़ाई शुरू कर सकता है, चाहे वह भारत में हो या विदेश में।
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