दिल्ली में आवारा कुत्तों के मुद्दे पर बहस अभी थमी भी नहीं थी कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सनसनीखेज खबर आई है। यहां एक हिंसक आवारा कुत्ते ने महज 7 घंटे के भीतर 15 लोगों को काटकर घायल कर दिया। घटना ने पूरे इलाके को भय और अफरा-तफरी में डाल दिया है।
यह हमला देवकली के चकवलियां और सोन्हुली गांव में हुआ। रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक के समय में, कुत्ते ने अंधेरे का फायदा उठाकर एक के बाद एक लोगों और जानवरों पर हमला किया। नतीजतन, 15 लोग खून से लथपथ हालत में अस्पताल पहुंचे और कई मवेशी भी जख्मी हो गए। अभी तक यह खतरनाक डॉगी पकड़ में नहीं आया है और माना जा रहा है कि वह गांव के आसपास कहीं छिपा है।
घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल
डॉग बाइट का शिकार बने लोगों में देवकली की दलित बस्ती के सीताराम, रामसमुझ पासवान, प्रकाश राम, बाजार क्षेत्र के गोगा अहमद, कैलाश गुप्ता और एक महिला शामिल हैं। सोन्हुली गांव में माधुरी मौर्या समेत कई अन्य ग्रामीणों पर भी हमला हुआ। वहीं चकवलियां गांव में आदित्य कुशवाहा, शंकर कुशवाहा, राजेश पाल, लकी यादव जैसे कई लोग घायल हुए। पशुओं में चिथरु पाल की तीन गायें और शकीला बानो की कई बकरियां भी कुत्ते के निशाने पर आईं।
अस्पताल में भीड़, तुरंत मिला इलाज
हमले के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवकली में घायलों की भीड़ लग गई। सौभाग्य से, अस्पताल में रेबीज वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थी, जिससे सभी घायलों को समय पर इंजेक्शन लगाकर इलाज शुरू कर दिया गया। फिलहाल, प्रशासन और ग्रामीणों की टीमें मिलकर इस खतरनाक कुत्ते की तलाश में जुटी हैं, ताकि आगे कोई और हादसा न हो।
सुप्रीम कोर्ट में भी गूंजा आवारा कुत्तों का मुद्दा
इसी बीच, दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों को लेकर कानूनी बहस भी तेज है। बुधवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने आश्वासन दिया कि सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने के प्रतिबंध पर पुनर्विचार किया जाएगा। यह टिप्पणी उन्होंने कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) की याचिका पर सुनवाई के दौरान दी, जिसमें NGO की सचिव ननीता शर्मा ने इस मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी।
कोर्ट का सख्त रुख
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को याद दिलाया कि 2024 में जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने यह आदेश दिया था कि कुत्तों की अंधाधुंध हत्या नहीं की जा सकती। हालांकि, 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने डॉग बाइट्स और रेबीज के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी को देखते हुए निर्देश दिया था कि सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में दिल्ली-NCR के आवासीय इलाकों से हटाकर शेल्टर होम में भेजा जाए। साथ ही चेतावनी दी थी कि इस प्रक्रिया में बाधा डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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