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दुनिया की खबरें: ब्रिटेन ने वेस्ट बैंक हिंसा के कारण इजराइल पर प्रतिबंध लगाए और पाकिस्तान में हजारों लोगों का प्रदर्शन

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ब्रिटेन ने मंगलवार को कहा कि उसने वेस्ट बैंक हिंसा के कारण इजराइल पर प्रतिबंध लगाए हैं और इजराइल के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर जारी वार्ता को भी रोक दिया है।

ब्रिटेन ने कहा कि उसने कब्जे वाले वेस्ट बैंक की बस्तियों में बसे चरमपंथी इजराइली लोगों द्वारा लगातार जारी गंभीर हिंसा के मद्देनजर प्रतिबंध लगाए हैं।

प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने क्षेत्र की स्थिति को ‘‘पूरी तरह असहनीय’’ बताया और संघर्षविराम तथा गाजा में प्रभावित लोगों के लिए मानवीय सहायता में बड़े पैमाने पर वृद्धि की मांग दोहराई।

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने ब्रिटेन में इजराइल के राजदूत जिपी होटोवेली को गाजा पट्टी में नए सिरे से किए गए जमीनी हमले के बारे में तलब किया है, जिसके बारे में इजराइल का दावा है कि इसका उद्देश्य हमास चरमपंथी समूह को खत्म करना है।

स्टार्मर ने कहा, ‘‘इजराइल की ओर से बढ़ते तनाव के कारण हम भयभीत हैं। हम संघर्षविराम की अपनी मांग दोहराते हैं, क्योंकि बंधकों को मुक्त करने का यही एकमात्र तरीका है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम गाजा में मानवीय सहायता को बड़े पैमाने पर बढ़ाने की अपनी मांग दोहराते हैं।’’

स्टार्मर के संसदीय वक्तव्य के बाद विदेश मंत्री डेविड लैमी ने संसद को वेस्ट बैंक में फलस्तीनी समुदायों के खिलाफ ‘‘हिंसा का समर्थन’’ करने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ नवीनतम प्रतिबंधों के बारे में जानकारी दी।

लैमी ने कहा कि वेस्ट बैंक में बसने वाले चरमपंथी इजराइली लोगों द्वारा लगातार हिंसा जारी है, जिसके खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इजराइल सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हस्तक्षेप करे और इन आक्रामक कार्रवाइयों को रोके। कार्रवाई करने में उनकी लगातार विफलता फलस्तीनी समुदायों और दो-राष्ट्र समाधान को खतरे में डाल रही है।’’

इस बीच, ब्रिटेन ने मांग दोहराई कि हमास सभी इजराइली बंधकों को तुरंत और बिना शर्त रिहा करे, क्योंकि यह संगठन ‘‘गाजा पर शासन करना जारी नहीं रख सकता।’’

मेरा लक्ष्य 20वीं बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना: ब्रिटिश पर्वतारोही

दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को 19 बार फतेह कर चुके ब्रिटिश पर्वतारोही केंटन कूल मंगलवार को शिखर से नीचे उतरे और कहा कि उन्होंने अपने 20वें अभियान के लिये योजना पर काम शुरू कर दिया है।

कूल सबसे ज्यादा बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की उपलब्धि हासिल करने वाले गैर शेरपा गाइड हैं।

दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड के 51 वर्षीय कूल ने रविवार को 8,849 मीटर ऊंची चोटी पर चढ़ने के बाद हेलीकॉप्टर से नेपाल की राजधानी काठमांडू के लिए उड़ान भरी।

कूल ने मंगलवार को काठमांडू के हवाई अड्डे पर कहा, "मैं अब 51 साल का हो गया हूं और 2004 से एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए यहां आ रहा हूं।"

उन्होंने कहा, "अगले साल के लिए मेरे पास कम से कम एक और चढ़ाई का अवसर है - शायद 20 या फिर 21 (कुल)। उसके बाद मैं नेपाल में अन्य पहाड़ों पर चढ़ना शुरू करूंगा।"

कूल ने 2004 से लगभग हर वर्ष माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की है।

वर्ष 2014 में वह इस पर्वत शिखर पर चढ़ने में असमर्थ रहे थे, क्योंकि हिमस्खलन में 16 शेरपा गाइड की मृत्यु हो जाने के कारण सीजन रद्द कर दिया गया था तथा वर्ष 2015 में भी भूकंप के कारण हिमस्खलन हुआ था, जिसमें 19 लोग मारे गए थे।

कोरोनावायरस महामारी के कारण 2020 का चढ़ाई प्रक्रिया रद्द कर दी गयी थी।

नेपाली शेरपा गाइड ही कूल से ज्यादा बार चोटी पर चढ़े हैं। कामी रीता के नाम माउंट एवरेस्ट पर सबसे ज्यादा 30 बार चढ़ने का रिकॉर्ड है। वह अभी पहाड़ पर हैं और उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में वह चोटी पर पहुंचने की कोशिश करेंगे।

गाजा में इजराइल के हमले में 60 लोगों की मौत : स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी

गाजा पट्टी में रात भर हुए इजराइल के हमलों में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं। फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

बढ़ती अंतरराष्ट्रीय निंदा के बावजूद इजराइल ने हमास के खिलाफ युद्ध को और तेज कर दिया है।

इजराइल ने हाल के दिनों में इस क्षेत्र में एक और बड़ा हमला किया है। उसका कहना है कि इन हमलों का उद्देश्य हमास द्वारा बंधक बनाए गए कई लोगों को वापस लाने के लिए उस पर दबाव डालना और समूह को नष्ट करना है।

इस हमले की शुरुआत से अब तक 300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इजराइल का कहना है कि उसका लक्ष्य गाजा पर कब्जा करना, वहां के इलाकों पर कब्जा करना, हजारों लोगों को विस्थापित करना और सुरक्षित सहायता वितरण सुनिश्चित करना है।

नए हमले तेज होने के बीच इजराइल ने युद्ध से तबाह हुए क्षेत्र में ढाई महीने की नाकाबंदी के बाद सीमित मात्रा में सहायता की अनुमति देने पर सहमति जताई। नाकाबंदी के कारण क्षेत्र में भोजन, दवा और ईंधन के साथ-साथ अन्य सामान की पहुंच बाधित हो गयी थी।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने सहयोगियों के दबाव के बाद न्यूनतम सहायता देने का निर्णय लिया है।

सोमवार को इजराइल के आचरण की आलोचना तब और तेज हो गई जब सहयोगी कनाडा, फ्रांस और ब्रिटेन ने प्रतिबंधों सहित देश के खिलाफ ‘‘ठोस कार्रवाई’’ की धमकी दी और इजराइल से गाजा में अपनी नयी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने का आह्वान किया।

नेतन्याहू ने आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि यह हमास के सात अक्टूबर, 2023 के हमले का ‘‘सबसे बड़ा जवाब’’ है।

अब तक केवल कुछ ही ट्रक गाजा भेजे गए हैं, जिसके बारे में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का कहना है कि यह भारी जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इस साल की शुरुआत में युद्ध विराम के दौरान प्रतिदिन लगभग 600 ट्रक गाजा में दाखिल हुए थे।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, उत्तरी गाजा में दो हमलों में एक परिवार के मकान और आश्रय स्थल के रूप में काम कर रहे एक स्कूल को निशाना बनाया गया, जिसमें कम से कम 22 लोग मारे गए। मारे गए लोगों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे थे।

अल-अक्सा शहीद अस्पताल के अनुसार, मध्य शहर दीर अल-बलाह में एक हमले में 13 लोग मारे गए और पास के नुसेरात शरणार्थी शिविर में एक और हमले में 15 लोग मारे गए।

नासेर अस्पताल के अनुसार, दक्षिणी शहर खान यूनिस में दो हमलों में 10 लोग मारे गए।

इजराइल की सेना ने इस बारे में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। इजराइली सेना का कहना है कि वह केवल आतंकवादियों को निशाना बनाती है और नागरिकों की मौत के लिए हमास को दोषी ठहराती है क्योंकि यह समूह घनी आबादी वाले क्षेत्रों में काम करता है।

पाकिस्तान में संदिग्ध ड्रोन हमले में चार बच्चों की मौत; हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन

पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिम हिस्से में एक संदिग्ध ड्रोन हमले में चार बच्चों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए, जिसके बाद हजारों लोगों ने इंसाफ की मांग करते हुए बच्चों के शवों को मुख्य सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय बुजुर्गों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि मीर अली में सोमवार को जो यह हमला हुआ उसके पीछे कौन है। मीर अली पाकिस्तानी तालिबान का गढ़ रहा है। इस हमले के बारे में सेना की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई।

स्थानीय कबायली बुजुर्ग मुफ्ती बैतुल्लाह ने कहा,‘‘हम किसी पर अंगुली नहीं उठा रहे हैं, लेकिन हम इंसाफ चाहते हैं और सरकार को हमें बताना चाहिए कि हमारे बच्चों को किसने मारा।’’

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन जवाब नहीं दे पाया तो फिलहाल जो विरोध प्रदर्शन चल रहा है, वह और बढ़ सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक हमें यह नहीं बताया जाता कि हमारे मासूम बच्चों की हत्या के लिए कौन जिम्मेदार है, तब तक हम शवों को नहीं दफनाएंगे।’’

प्रदर्शनकारी ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगा रहे थे ।

इस हमले में आम नागरिकों की मौत ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तानी तालिबान के खिलाफ सैन्य अभियान चल रहा है।

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मीर अली में पाकिस्तान तालिबान की मजबूत उपस्थिति है। पाकिस्तानी तालिबान को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के नाम से जाना जाता है और वह अफगान तालिबान से एक भिन्न उग्रवादी संगठन है।

प्रांतीय मंत्री नायक मुहम्मद दावर ने मंगलवार को एक बयान में हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि घटना की जांच चल रही है।

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