कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर तीखा हमला बोला है। हाल ही में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि “वोट चुराकर बनी सरकार जनता की सेवा नहीं कर सकती”, बल्कि उसका एकमात्र मकसद सत्ता में बने रहना होता है।
उनका यह बयान संसद में जारी सत्ता-विपक्ष के टकराव और हाल ही में विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए चुनावी प्रक्रिया पर सवालों की पृष्ठभूमि में आया है। उन्होंने भाजपा पर लोकतांत्रिक मूल्यों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया।
‘जनता का नहीं, सत्ता का एजेंडा है भाजपा का’ – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा,
“जब किसी सरकार की नींव जनादेश पर नहीं, बल्कि वोटों की चोरी और संस्थाओं के दुरुपयोग पर टिकी हो, तो वह सरकार जनता के हित में नहीं, केवल अपने हित में फैसले लेती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर, चुनावी तंत्र को प्रभावित किया और जनता के असली प्रतिनिधियों को सत्ता से दूर रखा।
चुनाव आयोग और ईवीएम पर भी इशारा
अपने भाषण में राहुल गांधी ने परोक्ष रूप से चुनाव आयोग की निष्पक्षता और ईवीएम की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर इन संस्थाओं का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा,
“जब मशीनें और तंत्र सत्ता के इशारे पर काम करें, तो चुनाव नहीं, तमाशा होता है।”
उनके इस बयान को विपक्ष के उस व्यापक अभियान का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वे चुनावों की पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की शुचिता को लेकर आवाज उठा रहे हैं।
भाजपा का पलटवार – ‘हारे हुए नेता की बौखलाहट’
राहुल गांधी के बयान पर भाजपा ने भी त्वरित प्रतिक्रिया दी। भाजपा प्रवक्ता ने कहा,
“कांग्रेस बार-बार जनादेश का अपमान कर रही है। राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि देश की जनता ने भाजपा को स्पष्ट बहुमत दिया है। यह बयान हारे हुए नेता की बौखलाहट को दिखाता है।”
भाजपा ने राहुल से यह भी पूछा कि अगर उन्हें चुनाव प्रक्रिया पर इतना अविश्वास है, तो वे खुद और उनकी पार्टी उसी प्रक्रिया से चुनकर संसद क्यों आती है?
राजनीतिक माहौल और आगामी रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान विपक्ष की भविष्य की रणनीति की झलक देता है। 2029 के आम चुनावों की तैयारी में कांग्रेस जनता को यह संदेश देना चाहती है कि मौजूदा सरकार जनादेश की सच्ची प्रतिनिधि नहीं है।
इस रणनीति के तहत कांग्रेस जन जागरण, संवैधानिक संस्थाओं की मजबूती और संविधान बचाओ जैसे अभियान को तेज करने की योजना बना रही है।
यह भी पढ़ें:
मोबाइल की स्क्रीन से आंखों को हो सकता है गंभीर नुकसान, जानिए एक्सपर्ट की राय
You may also like
मजेदार जोक्स: पानी की सबसे बड़ी समस्या क्या है?
Amla side Effects : कहीं आंवला बन न जाए आपकी सेहत का दुश्मन, इन लोगों को रहना चाहिए दूर
CPL 2025 जेसन होल्डर ने गेंद औऱ बल्ले से मचाया धमाल, रॉयल्स को पस्त कर थमाई हार
Health Tips- क्या सच में लहसुन खाने से बढ़ जाता हैं स्पर्म काउंट, जानिए पूरी डिटेल्स
दिमाग को मिले ठंडक याददाश्त हो तेज और शरीर बने मजबूत।ˈˈ जानिए एक ऐसा घरेलू नुस्खा जो हर उम्र के लिए फायदेमंद है