नैनीताल: उत्तराखंड के सबसे अधिक चर्चित पर्यटन स्थल और ट्रैफिक के मामले में सबसे अव्यवस्थित स्थानों में से एक नैनीताल की सड़कों पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नजर आए। पार्किंग और यातायात की समस्याओं का स्पॉट निरीक्षण के लिए चीफ जस्टिस जी. नरेंद्र ने साथी जस्टिस आलोक माहरा के साथ सड़क पर उतरे। चीफ जस्टिस ने शहर में यातायात प्रबंधन, पार्किंग सुविधाओं और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की समीक्षा की। नैनीताल 2000 में उत्तराखंड के यूपी से अलग होने के बाद से हाई कोर्ट का मुख्यालय रहा है।उत्तराखंड हाई कोर्ट के संभावित विस्तार और स्थानांतरण पर चल रही बहस पिछले मई में शुरू हुई थी। तत्कालीन चीफ जस्टिस रितु बाहरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने नैनीताल में बुनियादी ढांचे की बाधाओं के बारे में चिंता व्यक्त की थी। रजिस्ट्रार जनरल को हाई कोर्ट को ऋषिकेश स्थानांतरित करने पर राय एकत्र करने के लिए एक पोर्टल स्थापित करने का निर्देश दिया था। पहली बार सड़क पर चीफ जस्टिसउत्तराखंड में जस्टिसों का किसी भी शहर का पहली बार दौरा हुआ है। यह पहला मौका था, जब किसी मौजूदा चीफ जस्टिस ने व्यक्तिगत रूप से नैनीताल के बुनियादी ढांचे की जांच की है। जस्टिसों ने अधिकारियों को पार्किंग उपायों में सुधार करने, अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दों को हल करने और 'सहयोगी प्रयासों के माध्यम से एक स्थायी यातायात समाधान' तैयार करने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस ने दिए थे संकेतचीफ जस्टिस ने शहर की यात्रा से एक दिन पहले ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शहर का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करने के अपने इरादे का संकेत दिया था। इस दौरे का उद्देश्य नैनीताल में ट्रैफिक प्रबंधन, पार्किंग सुविधाओं और कूड़ा प्रबंधन की वास्तविक स्थिति को समझना था। चीफ जस्टिस की यह पहल दर्शाती है कि न्यायपालिका अब न केवल न्याय देने तक सीमित है, बल्कि नागरिक समस्याओं के समाधान के लिए भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। निरीक्षण के बाद सड़कों से हटाए गए वाहनशुक्रवार सुबह की भीड़भाड़ के समय चीफ जस्टिस ने चीना बाबा मंदिर से मॉल रोड और बीडी पांडे अस्पताल रोड तक का दौरा किया। यह शहर के सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले इलाके में शामिल है। उन्होंने पुलिस को ट्रैफिक नियंत्रण को सशक्त करने का निर्देश दिया। दोनों जस्टिस ने नगर निकाय अधिकारियों को पार्किंग व्यवस्था में सुधार और कचरा प्रबंधन के मुद्दों को सुलझाने के निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों से सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से स्थायी ट्रैफिक समाधान खोजने को कहा।चीफ जस्टिस के इस निरीक्षण के बाद नैनीताल के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एक्शन शुरू हुआ। सड़कों के किनारे खड़े कई छोड़े गए वाहनों को हटाया गया। ये वाहन ट्रैफिक में बाधा बन रहे थे। निरीक्षण से एक दिन पहले गुरुवार को चीफ जस्टिस ने 'नैनीताल में ट्रैफिक, पार्किंग और कचरा प्रबंधन' से संबंधित एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान स्वयं जाकर हालात का निरीक्षण करने का संकेत दिया था। हॉटस्पॉट का किया निरीक्षणएक अधिकारी ने बताया कि चीफ जस्टिस ने तल्लीताल, मल्लीताल, अशोक पार्किंग और मेट्रोपोल जैसे पार्किंग हॉटस्पॉट का निरीक्षण किया। पुलिस को निर्देश दिया गया कि वे मॉल रोड और अन्य प्रमुख स्थानों पर नियमित रूप से वाहनों की निगरानी करें। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे दस्तावेजों और लाइसेंस के आधार पर वाहनों की पहचान सुनिश्चित करें। चीफ जस्टिस ने मेट्रोपोल परिसर में वकीलों के लिए पार्किंग स्थान बनाने और पार्किंग की क्षमता बढ़ाने के भी निर्देश दिए।दो-पहिया वाहनों के संबंध में अधिकारियों को 'निर्दिष्ट स्थानों' पर उन्हें खड़ा करने का निर्देश दिया गया। पर्यटकों की आमद को नियंत्रित करने के लिए नगर पालिका ने शहर में वाहनों की एंट्री फीस को मौजूदा 120 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम हाल ही में ईद वीकेंड के दौरान हुए भारी ट्रैफिक जाम को देखते हुए उठाया गया है।
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