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पाकिस्तान, बांग्लादेश... यह कैसी लिस्ट है जिसमें भारत से आगे हैं सारे पड़ोसी देश लेकिन चीन है पीछे

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नई दिल्ली: भारत ने हाल के वर्षों में आर्थिक मोर्चे पर काफी प्रगति की है और वह दुनिया का चौथी इकॉनमी बन चुका है। इसके साथ ही देश में ब्लैक इकॉनमी यानी इनफॉर्मल इकॉनमी का साइज कम हुआ है। इनफॉर्मल इकॉनमी को इनफॉर्मल सेक्टर भी कहा जाता है। इनफॉर्मल इकॉनमी उन आर्थिक गतिविधियों को कहा जाता है जो आधिकारिक रूप से रजिस्टर्ड या रेगुलेट नहीं होती है और उनसे सरकार को कोई टैक्स नहीं मिलता है। कुल मिलाकर यह इकॉनमी का वह हिस्सा है जो देश की लीगल और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के बाहर ऑपरेट करता है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारत में ब्लैक इकॉनमी का हिस्सा अब महज 15.9 फीसदी रह गया है।



श्रीलंका की जीडीपी में ब्लैक इकॉनमी का हिस्सा 32.9 फीसदी है। यानी देश में इनफॉर्मल इकॉनमी का साइज जीडीपी का करीब एक तिहाई है। वहीं पाकिस्तान में यह 31.6 फीसदी है। नेपाल में ब्लैक इकॉनमी का साइज उसकी जीडीपी के 31.2 फीसदी के बराबर है। वहीं बांग्लादेश के मामले में यह 25.7 फीसदी और भूटान में 22.8 फीसदी है। दुनिया की दूसरी बड़ी इकॉनमी चीन में ब्लैक इकॉनमी का साइज उसकी जीडीपी का महज 8 फीसदी है।





कहां है सबसे ज्यादा समस्या

अगर दुनिया की बात करें तो सब-सहारा के देशों में ब्लैक इकॉनमी की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। हालांकि इसमें धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। 2023 के आंकड़ों के मुताबिक सियरा लियोन में ब्लैक इकॉनमी का साइज उसकी जीडीपी के 64.5% के बराबर था। इसी तरह नाइजर में यह 56.3%, इथियोपिया में 50.2%, जिम्बाब्वे में 60.6% और नाइजीरिया में 52.49% थी। लैटिन अमेरिका देशों बॉलीविया और हैती में भी ब्लैक इकॉनमी का साइज जीडीपी के 50 फीसदी से अधिक था।

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