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बाजार खुलते ही लाखों करोड़ स्वाहा! सेंसेक्स 700 अंक से अधिक गिरा, रिलायंस और HDFC Bank में गिरावट

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नई दिल्ली: ग्लोबल मार्केट से मिले खराब संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार सोमवार को गिरावट के साथ खुले। रिलायंस इंडस्ट्रीज, IT और फाइनेंस कंपनियों के शेयरों में गिरावट के कारण बाजार पर दबाव रहा। अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव और अमेरिका के जॉब डेटा आने से पहले निवेशक सतर्क रहे। शेयर मार्केट में आज भारी गिरावट दिख रही है। सुबह लगभग 9:20 बजे, BSE सेंसेक्स 734 अंक यानी 0.91% गिरकर 80,718 पर आ गया। वहीं, निफ्टी50 इंडेक्स 191 अंक यानी 0.77% गिरकर 24,548 पर पहुंच गया। BSE पर लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 2.06 लाख करोड़ रुपये घटकर 442.13 लाख करोड़ रुपये हो गया।



सेंसेक्स में HDFC बैंक, HCL टेक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाइटन और इन्फोसिस सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में शामिल थे। ये शेयर 2% तक गिर गए। इसके विपरीत, अडानी पोर्ट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंडसइंड बैंक और नेस्ले मामूली बढ़त के साथ खुले। सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी IT 1.2% गिर गया। वहीं, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, फार्मा और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स 0.5% से 1% तक नीचे खुले।





एक्सपर्ट्स की राय

भारत की अर्थव्यवस्था ने जनवरी-मार्च तिमाही में 7.4% की वृद्धि दर्ज की है। यह अनुमान से कहीं ज्यादा है। कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी के कारण यह उछाल आया है। बाजार को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 6 जून को होने वाली अपनी पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है। इससे फाइनेंस, ऑटो, रियल एस्टेट और कंज्यूमर गुड्स जैसे सेक्टरों में तेजी आ सकती है।



जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि बाजार का ढांचा मौजूदा कंसोलिडेशन फेज के जारी रहने का संकेत देता है। ग्लोबल स्तर पर टैरिफ को लेकर चिंताएं हैं जो तेजी को रोकेंगी। वहीं, घरेलू स्तर पर कुछ अच्छी खबरें हैं जो बाजार को निचले स्तर पर सपोर्ट करेंगी। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा स्टील और एल्यूमीनियम पर 50% टैरिफ लगाने का स्पष्ट संदेश है कि टैरिफ और ट्रेड का माहौल अनिश्चित और अस्थिर रहेगा। इसका असर बाजारों पर पड़ेगा।





क्या है चुनौती

विजयकुमार ने कहा कि घरेलू स्तर पर चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.4% रही जो उम्मीद से बेहतर है। इससे अच्छी खबरें मिल रही हैं। कंजम्प्शन एक्सपेंडिचर और कैपिटल एक्सपेंडिचर में अच्छे संकेत मिल रहे हैं। कम महंगाई और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के साथ, यह FY26 में लगातार आर्थिक विकास के लिए एकदम सही माहौल है। एकमात्र चुनौती कमजोर अर्निंग ग्रोथ है।

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