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Fact Check: क्या सरकार यूपीआई पर GST लगाने जा रही है? पड़ताल में यूजर्स का दावा निकला फर्जी

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नई दिल्ली: कोरोना के बाद से 10 रुपये से लेकर 50 हजार तक के समान के लिए लोग यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब आलम तो ऐसा है कि सब्जी बेचने वाले से लेकर दान की पेटी तक पर स्कैन करने के लिए बारकोड देखने को मिल जाएगा। UPI के बढ़ते चलन के बीच सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि सरकार UPI पर भी GST लगाने का प्लान कर रही है। कुछ यूजर्स ने दावा किया कि सरकार 2,000 से अधिक के यूपीआई के लेनदेन पर GST लगाने जा रही है। हालांकि जब सजग की टीम ने इन दावों की पड़ताल की तो ये फर्जी निकले। क्या है यूजर्स का दावा?एक्स पर @yasarshah_SP नाम के यूजर ने पोस्ट करते हुए लिखा कि वित्त मंत्रालय 2000 से अधिक के यूपीआई पर 18 प्रतिशत GST लगाने का प्लान कर रही है। इसके अलावा कई हजारों यूजर्स ने सोशल मीडिया पर इस तरह का दावा किया है। देखें पोस्ट क्या है वायरल दावे की सच्चाई?सजग की टीम ने जब वायरल हो रहे दावों का फैक्ट चेक किया तो ये दावे फर्जी निकले। दरअसल सबसे पहले सजग की टीम ने गूगल पर इस दावे को सर्च किया। हालांकि वहां पर कोई भी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली। हालांकि कुछ देर बाद हमारी टीम को ANI का एक पोस्ट मिला। जिसमें बताया गया कि सरकार ने ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया है। वित्त मंत्रालय की तरफ से साफ कहा गया कि सरकार 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने पर विचार कर रही है, पूरी तरह से झूठा, भ्रामक और निराधार है। वर्तमान में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।इसके बाद हमारी टीम को वित्त मंत्रालय का भी एक एक्स पोस्ट मिला। जिसमें PIB की प्रेस रिलीज लगी हुई थी। जिसमें साफ तौर पर बताया गया कि अभी सरकार के पास ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं आया है। निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा कि यूपीआई पर GST लगने जा रही है, ये पूरी तरह से झूठा है। सरकार ने भी इस दावे को झूठा बताया है। फैक्ट चेक में यूजर्स का दावा फर्जी साबित हुआ।
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