मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल के एचपीबी और लिवर ट्रांसप्लांट की कंसल्टेंट डॉ. कंचन मोटवानी ने बताया आज भारत में लगभग एक-तिहाई शहरी भारतीय वयस्क और बच्चें भी फैटी लिवर रोग से पीड़ित हैं, ऐसे में आहार के बारे में जागरूकता की आवश्यकता पहले गुना ज़्यादा बढ़ चुकी है।
बैलेंस्ट न्यूट्रिशन है जरूरी
भोजन केवल ईंधन नहीं है बल्कि यह एक बायो केमिकल टूल है। हमारी डाइट में कार्बोहाइड्रेट, फैट्स, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल शामिल होना बहुत ज़रूरी है, इनमें से हर एक लिवर हेल्थ सही रखने में एक खास भूमिका निभाता है। लेकिन एडवांस इंडियन डाइट में अक्सर रिफाइंड शुगर और अनहेल्दी फैट्स काफी ज़्यादा होते हैं, यह डाइट लिवर फंक्शन के लिए एक साइलेंट खतरा पैदा करता है।
असली दुश्मन? चीनी

अक्सर फैट्स को दोषी ठहराया जाता है, लेकिन ज्यादा चीनी और खासकर फ्रुक्टोज के रूप में जो फैट्स बन जाती है, वही लिवर में जमा हो जाती है। पैकेज्ड खाद्य पदार्थों, सॉस और पेय पदार्थों में छिपी हुई चीनी हालात को और भी बदतर बना देती है। परिणाम? गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (NAFLD), शुरूआती चरणों में अक्सर इसके कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
बैलेंस ही सब कुछ है
लिवर को हेल्दी रखने के लिए बैलेंस ज़रूरी होता है। कुछ भी अति में करना लिवर का नुकसान कर सकता है। पोषण का मतलब खाने को कम करना या बंद करना नहीं है, बल्कि सभी प्रकार के खाने का सही मिक्सचर करना होता है: प्रोटीन - प्रतिरक्षा और टिश्यू रिपेयरिंग के लिए जरूरी अच्छे फैट्स - खासकर ओमेगा-3 जो सूजन को कम करते हैं कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट - जो ब्लड शुगर बढ़ाए बिना एनर्जी देते हैंविटामिन और खनिज - ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से निपटने और मेटाबॉलिज़्म में मदद करने के लिए
कैलरी भी क्वालिटी भी

हम क्या खाते हैं इसके साथ-साथ हम कितना खाते हैं, यह भी बहुत ज़रूरी होता है। एक आश्चर्यजनक सच यह है कि चीनी मिलाया हुआ एक कटोरा ओट्स, दो गुलाब जामुन या एक समोसा इन सभी में समान कैलरी लोड हो सकता है। लेकिन उनकी पोषण गुणवत्ता और ब्लड शुगर और लिवर मेटाबोलिज़म पर प्रभाव काफी अलग होते हैं। कैलरी के बारे में जागरूकता, कितना खाना है उस पर कंट्रोल और ग्लाइसेमिक इंडेक्स महत्वपूर्ण हैं। ऐसे खाद्य पदार्थ जो धीरे-धीरे एनर्जी छोड़ते हैं - जैसे प्रोटीन, फलियां, साबुत अनाज और फाइबर युक्त सब्जियां - लिवर के स्थिर फ़ंक्शन और भूख को मिटाने करने में मदद करते हैं।
शारीरिक मेहनत
लिवर हेल्थ के लिए पोषण एक भाग है और दूसरा भाग होता है फिजिकल एक्टिविटी। आप भले ही हेल्दी खाना खाते हैं लेकिन जीवनशैली गतिहीन है तो यह लिवर में फैट्स के पैदा होने का कारण बन सकती है। हर दिन 30 मिनट तक मीडियम इंटेंसिटी एक्सरसाइज के साथ न्यूट्रिशनल डाइट लेना कैलरी को कंट्रोल करने और फैट्स जमा होने को रोकने में मदद करता है।
डाइट को लिवर के लिए हेल्दी बनाने का तरीका
मीठी ड्रिंक, मिठाइयां और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करेंभोजन में ताज़े फल, सब्जियां, मेवे और बीज शामिल करेंलीन प्रोटीन और ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थों को जगह देंखूब पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहेंशराब का सेवन सीमित करें और 'लिवर टॉनिक' के मामले में सेल्फ-मेडिकेशन न करें (किसी डॉक्टर या मेडिकल पेशवर की सलाह के बिना खुद से इलाज न करें या दवा या अन्य कुछ भी न लें)।डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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