नई दिल्ली/पटना: राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव की लैंड फॉर जॉब मामले में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कोर्ट में दाखिल की गई अपनी चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने कहा है कि '2005 में बिहार के एक निवासी ने तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को अपनी जमीन 'गिफ्ट' में दी थी। उस समय तेजस्वी और तेज प्रताप यादव नाबालिग थे। आरोप है कि यह जमीन रेलवे विभाग में उनके बेटे को नौकरी दिलाने के लिए 'गिफ्ट' में दी गई थी।
2005 में तेजस्वी-तेज प्रताप को गिफ्ट के रूप में दी गई थी जमीन
CBI ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, उनके बच्चों और अन्य आरोपियों के खिलाफ 'जमीन के बदले नौकरी' घोटाले में यह आरोप अपनी चार्जशीट में लगाया है। चार्जशीट के अनुसार, एक पिता ने बेटे की नौकरी के लिए 14 जून 2005 को अपनी जमीन के दो टुकड़े गिफ्ट के रूप में तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को दिए थे। उस समय इन जमीनों की कीमत ₹5,700 थी। उस समय दोनों भाई तेज-तेजस्वी नाबालिग थे, इसलिए अभिभावक के रूप में मां राबड़ी देवी का नाम दर्ज किया गया था।
सर्कल रेट से चार से छह गुना कम चुकाई गई स्टाम्प ड्यूटी: CBI
सीबीआई का आरोप है कि स्टाम्प ड्यूटी, सर्कल रेट और बाजार रेट से कम पर चुकाई गई थी। चार्जशीट में यह भी आरोप है कि जिन लोगों को रेलवे में नौकरी मिली, उनके रिश्तेदारों ने अपनी जमीन लालू प्रसाद के परिवार को सर्कल रेट से कम पर दी थी। यह रेट बाजार रेट से 'चार से छह गुना' कम था।
भोला यादव लोगों से कहते थे- रेलवे में नौकरी चाहिए तो लालू को जमीन दे दो: CBI
CBI का आरोप है कि लगभग सभी आरोपियों ने लालू यादव के परिवार को अपनी जमीन देने के बदले 'नकद' में भुगतान लेने का दावा किया है। चार्जशीट में दावा किया गया है कि जब लालू रेल मंत्री थे, तब उनके करीबी सहयोगी भोला यादव गांव जाते थे। वे लोगों से कहते थे कि रेलवे में नौकरी पाने के लिए अपनी जमीन लालू को दे दो।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कुछ उदाहरण दिए हैं, इनमें आरोपियों ने लालू के परिवार, खासकर उनकी पत्नी राबड़ी देवी (बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री) को अपनी जमीन ₹3.75 लाख के सर्कल रेट पर 'बेचने' का दावा किया है। CBI के अनुसार, 2008 में सर्कल रेट ₹4.21 लाख था।
लालू, राबड़ी, उनके दो बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव, बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव और अन्य आरोपी इस कथित घोटाले में CBI द्वारा चार्जशीट किए गए हैं।
2005 में तेजस्वी-तेज प्रताप को गिफ्ट के रूप में दी गई थी जमीन
CBI ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, उनके बच्चों और अन्य आरोपियों के खिलाफ 'जमीन के बदले नौकरी' घोटाले में यह आरोप अपनी चार्जशीट में लगाया है। चार्जशीट के अनुसार, एक पिता ने बेटे की नौकरी के लिए 14 जून 2005 को अपनी जमीन के दो टुकड़े गिफ्ट के रूप में तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को दिए थे। उस समय इन जमीनों की कीमत ₹5,700 थी। उस समय दोनों भाई तेज-तेजस्वी नाबालिग थे, इसलिए अभिभावक के रूप में मां राबड़ी देवी का नाम दर्ज किया गया था।
सर्कल रेट से चार से छह गुना कम चुकाई गई स्टाम्प ड्यूटी: CBI
सीबीआई का आरोप है कि स्टाम्प ड्यूटी, सर्कल रेट और बाजार रेट से कम पर चुकाई गई थी। चार्जशीट में यह भी आरोप है कि जिन लोगों को रेलवे में नौकरी मिली, उनके रिश्तेदारों ने अपनी जमीन लालू प्रसाद के परिवार को सर्कल रेट से कम पर दी थी। यह रेट बाजार रेट से 'चार से छह गुना' कम था।
भोला यादव लोगों से कहते थे- रेलवे में नौकरी चाहिए तो लालू को जमीन दे दो: CBI
CBI का आरोप है कि लगभग सभी आरोपियों ने लालू यादव के परिवार को अपनी जमीन देने के बदले 'नकद' में भुगतान लेने का दावा किया है। चार्जशीट में दावा किया गया है कि जब लालू रेल मंत्री थे, तब उनके करीबी सहयोगी भोला यादव गांव जाते थे। वे लोगों से कहते थे कि रेलवे में नौकरी पाने के लिए अपनी जमीन लालू को दे दो।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कुछ उदाहरण दिए हैं, इनमें आरोपियों ने लालू के परिवार, खासकर उनकी पत्नी राबड़ी देवी (बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री) को अपनी जमीन ₹3.75 लाख के सर्कल रेट पर 'बेचने' का दावा किया है। CBI के अनुसार, 2008 में सर्कल रेट ₹4.21 लाख था।
लालू, राबड़ी, उनके दो बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव, बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव और अन्य आरोपी इस कथित घोटाले में CBI द्वारा चार्जशीट किए गए हैं।
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