नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को 6 बड़े फैसले लिए। ये फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए। इनमें 4 फैसले रेलवे नेटवर्क से जुड़े हैं। वहीं दो फैसले किसानों और फूड सेक्टर के लिए हैं।
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCEA) ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड में चार रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं पर लगभग 11,169 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन परियोजनाओं में इटारसी-नागपुर चौथी लाइन, औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर)-परभणी दोहरीकरण, आलूआबारी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन, और डांगोआपोसी-जारोली तीसरी और चौथी लाइन शामिल हैं।
500 किमी से ज्यादा बढ़ेगा नेटवर्कएक सरकारी बयान में कहा गया है कि इससे भारतीय रेलवे का नेटवर्क लगभग 574 किलोमीटर तक बढ़ जाएगा। यह काम 2028-29 तक पूरा हो जाएगा। इन रेलवे लाइनों पर कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों का परिवहन आसान हो जाएगा। बयान में आगे कहा गया है कि क्षमता बढ़ने से हर साल 95.91 मिलियन टन (MTPA) अतिरिक्त माल ढुलाई हो सकेगी। MTPA का मतलब है, एक साल में कितने मिलियन टन माल ढोया जा सकता है।
PMKSY के लिए 6520 करोड़ रुपये की मंजूरी कैबिनेट बैठक में सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के लिए 6,520 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इसमें 1920 करोड़ रुपये अतिरिक्त हैं। यह पैसा 15वें वित्त आयोग चक्र (FCC) यानी 2021-22 से 2025-26 के दौरान खर्च किया जाएगा।
इस योजना में दो मुख्य बातें शामिल हैं। पहली, 1000 करोड़ रुपये से 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरैडिएशन यूनिट (Multi Product Food Irradiation Units) बनाए जाएंगे। यह काम इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन एंड वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर (ICCVAI) के तहत होगा। दूसरी, 100 फूड टेस्टिंग लैब (FTLs) बनाए जाएंगे। इन लैब को NABL से मान्यता मिलेगी। यह काम फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी एश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर (FSQAI) के तहत होगा। करीब 920 करोड़ रुपये PMKSY की विभिन्न योजनाओं के लिए दिए जाएंगे।
NCDC को भी मिली मंजूरीकेंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक योजना को मंजूरी दी है। यह योजना सहकारी समितियों को मदद करने के लिए है। इस योजना का नाम है राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) है। यह एक सेंट्रल सेक्टर स्कीम है। इस योजना के लिए सरकार 2000 करोड़ रुपये देगी। यह पैसा चार साल में दिया जाएगा। यह 2025-26 से 2028-29 तक दिया जाएगा। हर साल 500 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे NCDC खुले बाजार से 20,000 करोड़ रुपये जुटा पाएगा। यह पैसा भी चार साल में जुटाया जाएगा।
NCDC इस पैसे का इस्तेमाल सहकारी समितियों को लोन देने के लिए करेगा। यह लोन नई परियोजनाएं शुरू करने, पुराने कारखानों को बढ़ाने और काम करने के लिए जरूरी पूंजी के लिए दिया जाएगा। करीब 2.9 करोड़ सदस्य और 13,288 सहकारी समितियां इससे लाभान्वित होंगी। ये समितियां डेयरी, पशुधन, मत्स्य पालन, चीनी, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण और कोल्ड स्टोरेज, श्रम और महिला-नेतृत्व वाली सहकारी समितियों जैसे विभिन्न क्षेत्रों से हैं। ये समितियां पूरे देश में फैली हुई हैं।
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCEA) ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड में चार रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं पर लगभग 11,169 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन परियोजनाओं में इटारसी-नागपुर चौथी लाइन, औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर)-परभणी दोहरीकरण, आलूआबारी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन, और डांगोआपोसी-जारोली तीसरी और चौथी लाइन शामिल हैं।
500 किमी से ज्यादा बढ़ेगा नेटवर्कएक सरकारी बयान में कहा गया है कि इससे भारतीय रेलवे का नेटवर्क लगभग 574 किलोमीटर तक बढ़ जाएगा। यह काम 2028-29 तक पूरा हो जाएगा। इन रेलवे लाइनों पर कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों का परिवहन आसान हो जाएगा। बयान में आगे कहा गया है कि क्षमता बढ़ने से हर साल 95.91 मिलियन टन (MTPA) अतिरिक्त माल ढुलाई हो सकेगी। MTPA का मतलब है, एक साल में कितने मिलियन टन माल ढोया जा सकता है।
PMKSY के लिए 6520 करोड़ रुपये की मंजूरी कैबिनेट बैठक में सरकार ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के लिए 6,520 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इसमें 1920 करोड़ रुपये अतिरिक्त हैं। यह पैसा 15वें वित्त आयोग चक्र (FCC) यानी 2021-22 से 2025-26 के दौरान खर्च किया जाएगा।
इस योजना में दो मुख्य बातें शामिल हैं। पहली, 1000 करोड़ रुपये से 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरैडिएशन यूनिट (Multi Product Food Irradiation Units) बनाए जाएंगे। यह काम इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन एंड वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर (ICCVAI) के तहत होगा। दूसरी, 100 फूड टेस्टिंग लैब (FTLs) बनाए जाएंगे। इन लैब को NABL से मान्यता मिलेगी। यह काम फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी एश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर (FSQAI) के तहत होगा। करीब 920 करोड़ रुपये PMKSY की विभिन्न योजनाओं के लिए दिए जाएंगे।
NCDC को भी मिली मंजूरीकेंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक योजना को मंजूरी दी है। यह योजना सहकारी समितियों को मदद करने के लिए है। इस योजना का नाम है राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) है। यह एक सेंट्रल सेक्टर स्कीम है। इस योजना के लिए सरकार 2000 करोड़ रुपये देगी। यह पैसा चार साल में दिया जाएगा। यह 2025-26 से 2028-29 तक दिया जाएगा। हर साल 500 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे NCDC खुले बाजार से 20,000 करोड़ रुपये जुटा पाएगा। यह पैसा भी चार साल में जुटाया जाएगा।
NCDC इस पैसे का इस्तेमाल सहकारी समितियों को लोन देने के लिए करेगा। यह लोन नई परियोजनाएं शुरू करने, पुराने कारखानों को बढ़ाने और काम करने के लिए जरूरी पूंजी के लिए दिया जाएगा। करीब 2.9 करोड़ सदस्य और 13,288 सहकारी समितियां इससे लाभान्वित होंगी। ये समितियां डेयरी, पशुधन, मत्स्य पालन, चीनी, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण और कोल्ड स्टोरेज, श्रम और महिला-नेतृत्व वाली सहकारी समितियों जैसे विभिन्न क्षेत्रों से हैं। ये समितियां पूरे देश में फैली हुई हैं।
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