इंफाल : मणिपुर के तमेंगलोंग जिले के देइवीजांग गांव में एक मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में एक गैर-SoO उग्रवादी समूह के कम से कम पांच सदस्य मारे गए। यह लड़ाई यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी (UKNA) और चिन कुकी मिजो आर्मी (CKMA) के बीच हुई। ये दोनों ही समूह केंद्र सरकार के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले नहीं हैं। इसका मतलब है कि इन समूहों ने सरकार के साथ शांति बनाए रखने का कोई समझौता नहीं किया है।
मृतकों की पहचान एलेक्स, सेइबोई, पोंगबा, रिंगो और रम्बो के रूप में हुई है। अभी तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि ये सभी पांचों UKNA, CKMA या दोनों में से किसके सदस्य थे। अधिकारी अभी इस बात की पुष्टि करने में लगे हैं।
इलाके में दबदबा बनाने की कोशिशUKNA और CKMA हाल ही में बने हैं। इनमें चिन-कुकी समुदाय के हथियारबंद लोग शामिल हैं। ये मणिपुर के पहाड़ी जिलों और भारत-म्यांमार सीमा के कुछ हिस्सों में सक्रिय हैं। खुफिया जानकारी से पता चला है कि इन दोनों समूहों के बीच अपने इलाके और संगठन पर कब्ज़ा करने के लिए लगातार लड़ाई चल रही है। ये दोनों ही संगठन अभी नए हैं, इसलिए इलाके में दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
मणिपुर में फिर बढ़ी चिंताइस घटना से इलाके में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। खासकर इसलिए क्योंकि इसमें SoO समझौते से बाहर के नए संगठन शामिल हैं। इसका मतलब है कि जो संगठन सरकार के साथ शांति समझौते में शामिल नहीं हैं, वे भी अब हिंसा में शामिल हो रहे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
इलाके की सुरक्षा बढ़ीयह बताना जरूरी है कि UKNA पर 30 जून को कुकी नेशनल आर्मी (KNA) के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ की हत्या में शामिल होने का आरोप है। KNA एक SoO- हस्ताक्षरकर्ता समूह है। इस घटना से पहले ही पूरे इलाके में अशांति फैली हुई थी। मंगलवार की मुठभेड़ के बाद, सुरक्षा बलों ने इलाके में निगरानी बढ़ा दी है। हालांकि, राज्य पुलिस या केंद्रीय एजेंसियों ने अभी तक इस ऑपरेशन या इसके बाद की स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
मृतकों की पहचान एलेक्स, सेइबोई, पोंगबा, रिंगो और रम्बो के रूप में हुई है। अभी तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि ये सभी पांचों UKNA, CKMA या दोनों में से किसके सदस्य थे। अधिकारी अभी इस बात की पुष्टि करने में लगे हैं।
इलाके में दबदबा बनाने की कोशिशUKNA और CKMA हाल ही में बने हैं। इनमें चिन-कुकी समुदाय के हथियारबंद लोग शामिल हैं। ये मणिपुर के पहाड़ी जिलों और भारत-म्यांमार सीमा के कुछ हिस्सों में सक्रिय हैं। खुफिया जानकारी से पता चला है कि इन दोनों समूहों के बीच अपने इलाके और संगठन पर कब्ज़ा करने के लिए लगातार लड़ाई चल रही है। ये दोनों ही संगठन अभी नए हैं, इसलिए इलाके में दबदबा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
मणिपुर में फिर बढ़ी चिंताइस घटना से इलाके में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। खासकर इसलिए क्योंकि इसमें SoO समझौते से बाहर के नए संगठन शामिल हैं। इसका मतलब है कि जो संगठन सरकार के साथ शांति समझौते में शामिल नहीं हैं, वे भी अब हिंसा में शामिल हो रहे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
इलाके की सुरक्षा बढ़ीयह बताना जरूरी है कि UKNA पर 30 जून को कुकी नेशनल आर्मी (KNA) के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ की हत्या में शामिल होने का आरोप है। KNA एक SoO- हस्ताक्षरकर्ता समूह है। इस घटना से पहले ही पूरे इलाके में अशांति फैली हुई थी। मंगलवार की मुठभेड़ के बाद, सुरक्षा बलों ने इलाके में निगरानी बढ़ा दी है। हालांकि, राज्य पुलिस या केंद्रीय एजेंसियों ने अभी तक इस ऑपरेशन या इसके बाद की स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।