मैसूर : कर्नाटक से एक बड़ी खबर सामने आई है। पद्मश्री सम्मानित साइंटिस्ट सुब्बन्ना अय्यप्पन (70 वर्ष) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। उनका का शव शनिवार को कावेरी नदी के पास मिला। वे श्रीरंगपटना, मांड्या के पास थे। यह जगह मैसूर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। पुलिस ने बताया कि लोगों ने नदी में शव को तैरते हुए देखा। इसके बाद पुलिस ने शव को बाहर निकाला।मांड्या के SP मल्लिकार्जुन बालदंडी ने बताया कि अय्यप्पन का शव शनिवार को सुबह 11.30 बजे नदी से निकाला गया। पुलिस का कहना है कि उनकी मौत में किसी तरह की साजिश नहीं है। पुलिस को उनकी दोपहिया वाहन नदी के पास खड़ी मिली। 7 मई से लापता थे अय्यप्पनअय्यप्पन के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और दामाद हैं। अय्यप्पन 7 मई से लापता थे। 8 मई को विद्यारण्यपुरम पुलिस स्टेशन, मैसूर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिसमैसूर शहर की पुलिस कमिश्नर सीमा लाटकर ने कहा कि मौत का कारण जानने के लिए जांच चल रही है। पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर अय्यप्पन की लोकेशन श्रीरंगपटना में पाई थी। पुलिस ने इलाके के सभी ध्यान केंद्रों में उनकी तलाश की। पुलिस को पता चला था कि अय्यप्पन को मेडिटेशन में बहुत रूचि थी। पुलिस के अनुसार, अय्यप्पन अपनी स्कूटर से श्रीरंगपटना पहुंचे थे। कौन थे सुब्बन्ना अय्यप्पनसुब्बन्ना अय्यप्पन ICAR के पहले गैर-फसल वैज्ञानिक थे, जिन्होंने इसका नेतृत्व किया। उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था। ICAR का मतलब है भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद। यह कृषि के क्षेत्र में रिसर्च करने वाली सबसे बड़ी संस्था है। दिल्ली से लेकर मुंबई तक कई राज्यों में किया कामअय्यप्पन ने दिल्ली, मुंबई, भोपाल, बर्राकपुर, भुवनेश्वर और बेंगलुरु में कृषि विज्ञान के क्षेत्र में काम किया। अय्यप्पन पहले ऐसे व्यक्ति थे जो कृषि वैज्ञानिक नहीं थे फिर भी उन्होंने इस संस्था का नेतृत्व किया। यह एक बहुत बड़ी बात थी। वाइस चांसलर भी रहेअय्यप्पन ही थे जिन्होंने भारत में नीली क्रांति में अहम रोल निभाया। उन्हें 2022 में पद्मश्री दिया गया था। वह इंफाल की सेंट्रल अग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भी रहे। उनका जन्म 10 दिसंबर 1955 को चामराजनगर जिले में हुआ था। उन्होंने मंगलुरु से शुरुआती पढ़ाई की। उसके बाद बेंगलुरु से 1998 में कृषि विज्ञान में पीएचडी की। वह सरकार की कई कमिटीयो में भी रहे और उन्हें कई सारे अवॉर्ड भी मिले थे।
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