नई दिल्ली : कर्मचारी चयन आयोग (SSC) और रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ियों, तकनीकी खामियों और भर्ती प्रक्रिया की धीमी रफ्तार को लेकर देशभर के छात्रों का गुस्सा अब सरकार के दरवाजे तक पहुंच चुका है। सोमवार को शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और SSC के चेयरमैन से मुलाकात कर छात्रों की शिकायतें रखीं। सरकार की ओर से भरोसा दिलाया गया है कि इन मुद्दों पर कार्रवाई की जाएगी और इसके लिए एक हफ्ते का समय मांगा गया है।
जंतर मंतर में 6 अगस्त को प्रदर्शन
आंदोलन में सक्रिय रहीं शिक्षक नीतू सिंह ने बताया कि न केवल SSC की परीक्षाओं से जुड़ी गड़बड़ियों बल्कि रेलवे भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ियों पर भी चर्चा हुई। कहा, तकनीकी खामियों, बार-बार परीक्षाएं टलने, परीक्षा केंद्रों के अनुचित आवंटन और प्रशासनिक अनदेखी जैसी समस्याओं को सरकार के सामने रखा गया। हाल में आने वाली परीक्षा के बारे में भी कहा कि जब तक इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त नहीं हो जाता है तो इन परीक्षाओं को थोड़ा आगे की तारीख के लिए बढ़ा दिया जाए। इस बीच, कैंडिडेट्स ने कहा है कि वे 6 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर में प्रदर्शन करेंगे।
कैंडिडेट्स क्या चाहते हैं?
प्रश्न: परीक्षा देते हुए कौन सी दिक्कतें?
उत्तर: छात्रों का कहना है कि कई बार एग्जाम के दौरान सर्वर क्रैश हो जाता है, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन फेल होता है, जिससे काफी परेशानी होती है। परीक्षा में दोहराए गए सवाल, पहले से हाइलाइटेड उत्तर और अनुवाद की गलतियां भी लगातार देखने को मिल रही है।
प्रश्न: व्यवस्था से जुड़ी क्या हैं परेशानियां?
उत्तर: परीक्षार्थियों को सैकड़ों किलोमीटर दूर के केंद्र दे दिए जाते हैं। इस वजह से आर्थिक बोझ, थकान और कई बार परीक्षा मिस होने की स्थिति बनती है। योग्य छात्रों के चयन के बावजूद रिक्त पद नहीं भरते क्योंकि वेटिंग लिस्ट जारी नहीं की जाती। अंतिम उत्तर कुंजी जारी किए बिना ही फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिए जाते हैं। छात्रों का कहना है कि एक-एक भर्ती चक्र को पूरा होने में दो साल तक लग रहे हैं। SSC CGL, CHSL, CPO और रेलवे जैसी परीक्षाएं इसका उदाहरण है।
प्रश्न: रेलवे एग्ज़ाम में भी गड़बड़ी?
उत्तर: छात्रों ने बताया कि हाल ही में एक RTI के जवाब में पता चला कि भारतीय रेलवे में 2.74 लाख पद खाली हैं, जिनमें से 1.7 लाख पद सुरक्षा श्रेणी में हैं। इसके बावजूद, भर्ती वर्षों से लटकी हुई है। RRB NTPC 2019 की भर्ती में अंतिम परिणाम 4 साल बाद आया। तकनीकी गड़बड़ियों के चलते 22 अप्रैल 2025 को RRB CBT-2 की कुछ जगह पर एक पाली तकनीकी वजहों से रद्द कर दी गई।
जंतर मंतर में 6 अगस्त को प्रदर्शन
आंदोलन में सक्रिय रहीं शिक्षक नीतू सिंह ने बताया कि न केवल SSC की परीक्षाओं से जुड़ी गड़बड़ियों बल्कि रेलवे भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ियों पर भी चर्चा हुई। कहा, तकनीकी खामियों, बार-बार परीक्षाएं टलने, परीक्षा केंद्रों के अनुचित आवंटन और प्रशासनिक अनदेखी जैसी समस्याओं को सरकार के सामने रखा गया। हाल में आने वाली परीक्षा के बारे में भी कहा कि जब तक इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त नहीं हो जाता है तो इन परीक्षाओं को थोड़ा आगे की तारीख के लिए बढ़ा दिया जाए। इस बीच, कैंडिडेट्स ने कहा है कि वे 6 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर में प्रदर्शन करेंगे।
कैंडिडेट्स क्या चाहते हैं?
प्रश्न: परीक्षा देते हुए कौन सी दिक्कतें?
उत्तर: छात्रों का कहना है कि कई बार एग्जाम के दौरान सर्वर क्रैश हो जाता है, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन फेल होता है, जिससे काफी परेशानी होती है। परीक्षा में दोहराए गए सवाल, पहले से हाइलाइटेड उत्तर और अनुवाद की गलतियां भी लगातार देखने को मिल रही है।
प्रश्न: व्यवस्था से जुड़ी क्या हैं परेशानियां?
उत्तर: परीक्षार्थियों को सैकड़ों किलोमीटर दूर के केंद्र दे दिए जाते हैं। इस वजह से आर्थिक बोझ, थकान और कई बार परीक्षा मिस होने की स्थिति बनती है। योग्य छात्रों के चयन के बावजूद रिक्त पद नहीं भरते क्योंकि वेटिंग लिस्ट जारी नहीं की जाती। अंतिम उत्तर कुंजी जारी किए बिना ही फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिए जाते हैं। छात्रों का कहना है कि एक-एक भर्ती चक्र को पूरा होने में दो साल तक लग रहे हैं। SSC CGL, CHSL, CPO और रेलवे जैसी परीक्षाएं इसका उदाहरण है।
प्रश्न: रेलवे एग्ज़ाम में भी गड़बड़ी?
उत्तर: छात्रों ने बताया कि हाल ही में एक RTI के जवाब में पता चला कि भारतीय रेलवे में 2.74 लाख पद खाली हैं, जिनमें से 1.7 लाख पद सुरक्षा श्रेणी में हैं। इसके बावजूद, भर्ती वर्षों से लटकी हुई है। RRB NTPC 2019 की भर्ती में अंतिम परिणाम 4 साल बाद आया। तकनीकी गड़बड़ियों के चलते 22 अप्रैल 2025 को RRB CBT-2 की कुछ जगह पर एक पाली तकनीकी वजहों से रद्द कर दी गई।
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