लखनऊ: लखनऊ के टाटा मोटर्स के परिसर से एक तीन साल के तेंदुए को रेस्क्यू किया गया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन अवध वन प्रभाग के कुकरैल रेंज में, देवा रोड, चिनहट से किया गया। यह तेंदुआ पिछले 45 दिनों से यहां घूम रहा था। DFO सीतांशु पांडे के नेतृत्व में और APCCF रेणु सिंह के मार्गदर्शन में यह सफल अभियान चलाया गया। इस अभियान में हाई-टेक निगरानी और जमीनी स्तर पर समन्वय का इस्तेमाल किया गया। तेंदुए को पहली बार लगभग डेढ़ महीने पहले फैक्ट्री के कर्मचारियों ने देखा था। इस पूरे ऑपरेशन में हाई-डेफिनिशन CCTV कैमरा ट्रैप और इंफ्रारेड मोशन सेंसर का इस्तेमाल किया गया. इन्हें तेंदुए के संभावित ठिकानों पर लगाया गया था। DFO सीतांशु पांडे ने बताया कि इन कैमरा ट्रैप से रियल-टाइम मॉनिटरिंग की गई। इससे तेंदुए के मूवमेंट को बिना किसी बाधा के देखा जा सका। उन्होंने कहा कि पांच से ज़्यादा कैमरा ट्रैप और तीन मज़बूत धातु के पिंजरे लगाए गए थे।हर कैमरा ट्रैप एक कंट्रोल सेंटर से जुड़ा था। वन विभाग के अधिकारी चौबीसों घंटे फुटेज पर नज़र रख रहे थे। कैमरों से मिले डेटा का इस्तेमाल तेंदुए के रास्तों, छिपने की जगहों और गतिविधियों के समय का पता लगाने में किया गया। इससे तेंदुए को पकड़ने के लिए सही जगह चुनने में मदद मिली। DFO पांडे ने कहा, टेक्नोलॉजी ने जंगल में हमें आंखें दीं, लेकिन जमीनी टीम की लगातार गश्त और बेहतर तालमेल ने ऑपरेशन को सफल बनाया। अधिकारियों और वन रक्षकों ने रोजाना पैदल गश्त की। उन्होंने तेंदुए के पगमार्क, मल और अन्य निशानों को देखा। पांडे ने आगे कहा, हमारा लक्ष्य तेंदुए और आसपास के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। तेंदुए को पिंजरे में फंसाने के बाद, उसे बेहोश किया गया और पशु चिकित्सा विशेषज्ञों ने उसकी जांच की। पांडे ने बताया, तेंदुआ स्वस्थ है और हमारी निगरानी में है। मंज़ूरी मिलने के बाद, हम इसे बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में छोड़ देंगे। इस कोर टीम में उप प्रभागीय वन अधिकारी हरि लाल, रेंज वन अधिकारी कमलेश कुमार, उप रेंज अधिकारी अतिजीत जोशी, वन निरीक्षक अनीश चंद्र और फील्ड असिस्टेंट वंशीधर श्रीवास्तव शामिल थे।
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