नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस सवाल का जवाब दिया जिसमें उन्हें केंद्र सरकार से पूछा था कि पहलगाम हमले के बाद किन देशों ने भारत का सपोर्ट किया। जेपी नड्डा ने उन सभी देशों की लिस्ट राज्यसभा में पेश की।
जेपी नड्डा ने कहा कि खरगे जी ने कल कहा था कि जिन लोगों ने पहलगाम का हमला किया वो कहां हैं? तो मैं बताता हूं कि ऑपरेशन महादेव में वो जमींदोज हो गए। मैं पीएम मोदी और सभी पार्टियों को बधाई दूंगा जिन्होंने टीम इंडिया के रूप में दुनिया में भारत की बात रखी।
किन देशों ने भारत का सपोर्ट किया, जानें उनके नामकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी नैरेटिव सेट किया जा रहा है कि कोई देश साथ नहीं आया। 61 देशों ने हेड ऑफ स्टेट के जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति शामिल हैं। इस संदेश में उन्होंने कहा कि वो पहलगाम हमले की निंदा करते हैं। 35 संदेश विदेश मंत्रियों के हैं। 38 मैसेज सांसदों और पूर्व हेड के हैं। 43 संदेश डिप्लोमेटिक मिशन के। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले की निंदा की है। क्वॉड ने पहलगाम हमले की निंदा की है। ब्रिक्स ने निंदा की है। सेंट्रल एशिया एशियन कंट्री ने इस हमले की निंदा की थी। इंडिनय ओसन रिम एसोसिएशन ने निंदा की। पराग्वे के राष्ट्रपति ने निंदी की है। यूरोपीय यूनियन, फ्रांस और जर्मनी ने निंदा की है।
यूपीए सरकार को घेराऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने तत्काली यूपीए सरका को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। जेपी नड्डा ने कहा, 'तत्कालीन सरकार ने 2005 के दिल्ली सीरियल बम विस्फोटों, 2006 के वाराणसी आतंकी हमले, 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम विस्फोटों में कोई कार्रवाई नहीं की....मुद्दा यह है कि तब भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद और व्यापार और पर्यटन जारी रहा।'
वो हमें गोलियों से भूनते रहे और हम उनको बिरयानी खिलाने चले
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री ने कहा, "...हमें उनकी (तत्कालीन कांग्रेस सरकार की) तुष्टिकरण की सीमा को समझने की जरूरत है कि 2008 में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा किए गए जयपुर बम विस्फोटों के बाद, भारत और पाकिस्तान एक विशिष्ट विश्वास-निर्माण उपायों पर सहमत हुए थे... वो हमें गोलियों से भूनते रहे और हम उनको बिरयानी खिलाने चले... उन्होंने नियंत्रण रेखा पार करने के लिए ट्रिपल-एंट्री परमिट की अनुमति दी..."
जेपी नड्डा ने कहा, "...हमारे पास वही पुलिस, वही सेना थी, लेकिन कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी...2009 के एससीओ शिखर सम्मेलन में 2008 में हुए इतने बड़े आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं हुआ।"
जेपी नड्डा ने कहा कि खरगे जी ने कल कहा था कि जिन लोगों ने पहलगाम का हमला किया वो कहां हैं? तो मैं बताता हूं कि ऑपरेशन महादेव में वो जमींदोज हो गए। मैं पीएम मोदी और सभी पार्टियों को बधाई दूंगा जिन्होंने टीम इंडिया के रूप में दुनिया में भारत की बात रखी।
किन देशों ने भारत का सपोर्ट किया, जानें उनके नामकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी नैरेटिव सेट किया जा रहा है कि कोई देश साथ नहीं आया। 61 देशों ने हेड ऑफ स्टेट के जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति शामिल हैं। इस संदेश में उन्होंने कहा कि वो पहलगाम हमले की निंदा करते हैं। 35 संदेश विदेश मंत्रियों के हैं। 38 मैसेज सांसदों और पूर्व हेड के हैं। 43 संदेश डिप्लोमेटिक मिशन के। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले की निंदा की है। क्वॉड ने पहलगाम हमले की निंदा की है। ब्रिक्स ने निंदा की है। सेंट्रल एशिया एशियन कंट्री ने इस हमले की निंदा की थी। इंडिनय ओसन रिम एसोसिएशन ने निंदा की। पराग्वे के राष्ट्रपति ने निंदी की है। यूरोपीय यूनियन, फ्रांस और जर्मनी ने निंदा की है।
यूपीए सरकार को घेराऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने तत्काली यूपीए सरका को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। जेपी नड्डा ने कहा, 'तत्कालीन सरकार ने 2005 के दिल्ली सीरियल बम विस्फोटों, 2006 के वाराणसी आतंकी हमले, 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम विस्फोटों में कोई कार्रवाई नहीं की....मुद्दा यह है कि तब भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद और व्यापार और पर्यटन जारी रहा।'
वो हमें गोलियों से भूनते रहे और हम उनको बिरयानी खिलाने चले
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री ने कहा, "...हमें उनकी (तत्कालीन कांग्रेस सरकार की) तुष्टिकरण की सीमा को समझने की जरूरत है कि 2008 में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा किए गए जयपुर बम विस्फोटों के बाद, भारत और पाकिस्तान एक विशिष्ट विश्वास-निर्माण उपायों पर सहमत हुए थे... वो हमें गोलियों से भूनते रहे और हम उनको बिरयानी खिलाने चले... उन्होंने नियंत्रण रेखा पार करने के लिए ट्रिपल-एंट्री परमिट की अनुमति दी..."
जेपी नड्डा ने कहा, "...हमारे पास वही पुलिस, वही सेना थी, लेकिन कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी...2009 के एससीओ शिखर सम्मेलन में 2008 में हुए इतने बड़े आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं हुआ।"
You may also like
किशोर के साथ कुकर्म करने वाला टेनरी संचालक और उसका मैनेजर गिरफ्तार
क्या खत्म हो गया है Guillermo Rojer और Kara Leona का रिश्ता?
दामाद के स्वागत में हुई चिकन पार्टी बनी काल, सास-जमाई की मौत, 3 की हालत नाज़ुक, फूड प्वाइजनिंग का मामला
झारखंड विधानसभा सत्र को लेकर सत्ता पक्ष ने बनाई रणनीति
IND vs ENG 5th Test: भारत ने पहले दिन 204 रन पर गंवाए 6 विकेट, नायर-सुंदर की साझेदारी ने संभाली पारी