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हमारे इलाके में आवारा कुत्तों के हमले आम, लोगों ने सरकार से की मिशन मोड में काम करने की मांग

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नई दिल्ली: देश में आवारा और पालतू कुत्तों के हमले बढ़ते जा रहे है। हाल ही में LocalCircles द्वारा कराए गए एक सर्वे में 71% नागरिकों ने माना कि उनके इलाके, जिले या शहर में कुत्तों के हमले आम बात है। इनमें 68% लोगों ने बताया कि उनके इलाके में आवारा कुत्ते हमला करते हैं, जबकि 16% ने पालतू कुत्तों के हमले की बात कही। 2024 में देशभर में करीब 27 लाख जानवरों के काटने के मामले सामने आए, जिनमें से करीब 22 लाख सिर्फ कुत्तों के काटने के थे। इनमें 20% पीड़ित 15 साल से कम उम्र के बच्चे थे। 48 मौतें भी हुई। इससे साफ है कि 2030 तक भारत को रेबीज-मुक्त बनाने का लक्ष्य अभी काफी दूर है।



बच्ची की मौत के बाद,चर्चा में आया मुद्दा

पिछले महीने केरल में एक बच्ची की रेबीज से मौत हो गई, जिससे यह मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी मार्च 2024 में चिंता जताई थी कि लोग जब आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं तो वे उस इलाके को अपना मान लेते हैं और फिर वहां आने-जाने वालों पर हमला कर सकते हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार आवारा कुत्तों की समस्या पर काम कर रही है।



24,000 लोगों ने लिया हिस्सा

LocalCircles की ओर से किए गए सर्वे में 366 जिलों के 24,000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। इस सर्वे में लोगों ने साफ तौर पर कहा कि सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए मिशन मोड में काम करना चाहिए। 53% लोगों ने कहा कि सभी नगर निकायों और पंचायतों को फंड दिया जाए ताकि वे आवारा जानवरों के लिए जरूरी व्यवस्था कर सकें। 47% ने सुझाव दिया कि जानवरों को कहां और कैसे खाना खिलाया जाए, इसके लिए स्पष्ट नियम होने चाहिए। लोग चाहते हैं कि इस मुद्दे को स्वच्छ भारत मिशन की तरह गंभीरता से लिया जाए। सर्वे में यह भी कहा गया कि सिर्फ बड़े शहरों से जानवर हटाना काफी नहीं, छोटे शहरों और गांवों में भी समाधान जरूरी है।







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