चंडीगढ़ : पंजाब में एक बार फिर किसान यूनियन और AAP सरकार आमने-सामने हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को रविवार को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया। दरअसल, जगजीत सिंह डल्लेवाल पहले भी 26 नवंबर, 2024 से 6 अप्रैल तक सभी फसलों पर MSP की मांग को लेकर 131 दिनों की भूख हड़ताल कर चुके हैं। इस बार उन्हें बठिंडा में मीडिया से बात करने से पहले ही फरीदकोट जिले में उनके घर पर नजरबंद कर दिया गया।
बठिंडा जाने से पहले रोके गएपुलिस की एक टीम डल्लेवाल गांव में उनके घर पहुंची। वे बठिंडा के लिए निकलने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर से बाहर निकलने से मना कर दिया। डल्लेवाल, BKU (एकता सिद्धूपुर) के 72 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाने बठिंडा जा रहे थे। वे इस यूनियन के मुखिया भी हैं।
मुक्तसर और अमृतसर जेल में भूख हड़तालइन कार्यकर्ताओं को मई में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने सरकार के बठिंडा के घसोखाना गांव से गुजरने वाली सीवरेज पाइपलाइन का विरोध किया था। गिरफ्तार किए गए 72 कार्यकर्ताओं में से 9 ने 27 मई को मुक्तसर और अमृतसर जेलों में भूख हड़ताल शुरू कर दी। भूख हड़ताल करने वालों में BKU (एकता सिद्धूपुर) के महासचिव काका सिंह कोटड़ा भी शामिल हैं। उनका आरोप है कि जेल के अधिकारी उन्हें पीने के लिए अशुद्ध पानी दे रहे हैं। इस बात से नाराज होकर डल्लेवाल ने घोषणा की कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे भूख हड़ताल शुरू कर देंगे।
क्यों विरोध कर रहे किसान दरअसल, ये कार्यकर्ता उस परियोजना का विरोध कर रहे हैं जिसमें मौर मंडी से भाई बख्तौर गांव के पास एक नाले तक सीवरेज लाइन बिछाई जा रही है। यह पाइपलाइन घसोखाना गांव से होकर गुजरेगी, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि भूमिगत पाइपलाइन लीक हो सकती है और उनके लिए समस्या पैदा कर सकती है।
डल्लेवाल ने दी फिर भूख हड़ताल की चेतावनीजब BKU (एकता सिद्धूपुर) के कार्यकर्ताओं समेत ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, तो पुलिस ने 72 लोगों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें मुक्तसर और अमृतसर जेल भेज दिया। डल्लेवाल ने बताया कि अधिकारी घसोखाना गांव की अपील सुनने को तैयार नहीं हैं और गांव से पाइपलाइन बिछाने पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि जब निवासियों ने अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आवाज उठाई, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अब उनमें से नौ भूख हड़ताल पर हैं क्योंकि उन्हें पीने का साफ पानी नहीं दिया जा रहा है, और अब पुलिस ने मुझे घर में नजरबंद कर दिया है। अगर न्याय नहीं मिला, तो भूख हड़ताल फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
उधर, पुलिस ने BKU (एकता सिद्धूपुर) के 20 और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। ये कार्यकर्ता घसोखाना में सीवरेज लाइन का विरोध करने गए थे। गांव वालों का कहना है कि ये जो सीवरेज लाइन बन रही है, उससे उनके घरों में गंदगी आ सकती है और बीमारियां फैल सकती हैं। इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।
डल्लेवाल का कहना है कि सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वे किसानों के हक के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे उन्हें कितनी भी मुश्किलों का सामना करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे और भी बड़ा आंदोलन करेंगे।
बठिंडा जाने से पहले रोके गएपुलिस की एक टीम डल्लेवाल गांव में उनके घर पहुंची। वे बठिंडा के लिए निकलने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर से बाहर निकलने से मना कर दिया। डल्लेवाल, BKU (एकता सिद्धूपुर) के 72 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाने बठिंडा जा रहे थे। वे इस यूनियन के मुखिया भी हैं।
मुक्तसर और अमृतसर जेल में भूख हड़तालइन कार्यकर्ताओं को मई में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने सरकार के बठिंडा के घसोखाना गांव से गुजरने वाली सीवरेज पाइपलाइन का विरोध किया था। गिरफ्तार किए गए 72 कार्यकर्ताओं में से 9 ने 27 मई को मुक्तसर और अमृतसर जेलों में भूख हड़ताल शुरू कर दी। भूख हड़ताल करने वालों में BKU (एकता सिद्धूपुर) के महासचिव काका सिंह कोटड़ा भी शामिल हैं। उनका आरोप है कि जेल के अधिकारी उन्हें पीने के लिए अशुद्ध पानी दे रहे हैं। इस बात से नाराज होकर डल्लेवाल ने घोषणा की कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे भूख हड़ताल शुरू कर देंगे।
क्यों विरोध कर रहे किसान दरअसल, ये कार्यकर्ता उस परियोजना का विरोध कर रहे हैं जिसमें मौर मंडी से भाई बख्तौर गांव के पास एक नाले तक सीवरेज लाइन बिछाई जा रही है। यह पाइपलाइन घसोखाना गांव से होकर गुजरेगी, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि भूमिगत पाइपलाइन लीक हो सकती है और उनके लिए समस्या पैदा कर सकती है।
डल्लेवाल ने दी फिर भूख हड़ताल की चेतावनीजब BKU (एकता सिद्धूपुर) के कार्यकर्ताओं समेत ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, तो पुलिस ने 72 लोगों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें मुक्तसर और अमृतसर जेल भेज दिया। डल्लेवाल ने बताया कि अधिकारी घसोखाना गांव की अपील सुनने को तैयार नहीं हैं और गांव से पाइपलाइन बिछाने पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि जब निवासियों ने अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करते हुए आवाज उठाई, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अब उनमें से नौ भूख हड़ताल पर हैं क्योंकि उन्हें पीने का साफ पानी नहीं दिया जा रहा है, और अब पुलिस ने मुझे घर में नजरबंद कर दिया है। अगर न्याय नहीं मिला, तो भूख हड़ताल फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
उधर, पुलिस ने BKU (एकता सिद्धूपुर) के 20 और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। ये कार्यकर्ता घसोखाना में सीवरेज लाइन का विरोध करने गए थे। गांव वालों का कहना है कि ये जो सीवरेज लाइन बन रही है, उससे उनके घरों में गंदगी आ सकती है और बीमारियां फैल सकती हैं। इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।
डल्लेवाल का कहना है कि सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वे किसानों के हक के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे उन्हें कितनी भी मुश्किलों का सामना करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे और भी बड़ा आंदोलन करेंगे।
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