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विदेश में बैठकर ठग चला रहे 'डिजिटल अरेस्ट' का स्कैम, जानें साइबर पुलिस ने कैसे किया गिरोह का भंडाफोड़

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नई दिल्ली: भारत में पिछले कुछ सालों से ट्रेंड कर रहा 'डिजिटल अरेस्ट' स्कैम विदेशों से ऑपरेट हो रहा है। विदेशों में बैठे हैंडलर ने भारत में कमीशन बेस पर एजेंट अपॉइंट किए हुए हैं। जिनका काम है साइबर स्कैम की रकम ट्रांजैक्शन के लिए बैंक अकाउंट अरेंज करना।



पुलिस ने एक ठग को किया गिरफ्तार

दरअसल, नॉर्थ वेस्ट जिले के साइबर थाने की पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम केस का भंडाफोड़ करते हुए एक सोनू अंसारी नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी सोनू अंसारी ने कबूल किया कि उसने रेंट एग्रीमेंट पर बैंक अकाउंट खुलवाकर स्कैमर को सारे एक्सेस और किट सौंप दी थी। पुलिस सिडिंकेट से जुड़े बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है।



क्या था मामला

साइबर पुलिस स्टेशन, उत्तर-पश्चिम जिला के स्टाफ ने एक आरोपी सोनू अंसारी (26) निवासी फरीदाबाद, हरियाणा, उम्र 26 वर्ष को गिरफ्तार किया, जो डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में शामिल था। गिरफ्तारी एक ऐसे मामले में की गई जो एक शिकायत पर दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता, जो एमटीएनएल से सेवानिवृत्त अभियंता और वरिष्ठ नागरिक है, ने आरोप लगाया था कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस के नाम पर 9 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया।



फर्जी अफसर बन किया था संपर्क

आरोपी खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर धमका रहे थे। ठगी की राशि आरोपी के बताए गए बैंक खातों में दो लेन-देन में डाली गई थी और वे शिकायतकर्ता से वॉट्सऐप विडियो कॉल पर संपर्क में थे। नॉर्थ वेस्ट डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक, उन्हें एक पीड़ित की तरफ से शिकायत मिली थी। जिसमें बताया कि साइबर अपराधियों ने खुद को सीबीआई और मुंबई साइबर क्राइम से बताकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में नाम आने का दावा किया। उन लोगों ने उनकी पूरी पर्सनल डिटेल ले ली। पीड़ित का दावा था कि मनी लॉन्ड्रिंग केस के नाम पर 9 लाख रुपये उन लोगों ने ट्रांसफर करा लिए थे। इस संबंध में 8 अगस्त को नॉर्थ वेस्ट थाना साइबर पुलिस स्टेशन ने संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया।



विदेश से हो रहा था कंट्रोल

एसएचओ दिनेश, एसआई प्रदीप, हेड कॉन्स्टेबल विनीत, कॉन्स्टेबल रोहित, अनुज और अन्य केस की तफ्तीश में लगे। पता लगा कि आरोपी वॉट्सऐप/टेलिग्राम के जरिए संपर्क कर रहे थे। जांच में पाया गया कि इन एप्स और कथित बैंक अकाउंट्स के एक्सेस विदेशों से हो रहे थे। आरोपियों के दिए गए एड्रेस, बैंक रिकॉर्ड या आधार कार्ड के हिसाब से छानबीन की तो वे मेल नहीं खा रहे थे।



आरोपी को फरीदाबाद से किया गिरफ्तार

डिजिटल फुटप्रिंट्स को इकठ्ठा कर टेक्निकल और मैनुअल निगरानी बढ़ाई गई। इससे एक आरोपी की पहचान सोनू अंसारी के रूप में हुई। लगातार लोकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस टीम ने आरोपी सोनू अंसारी को फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया। बताया कि पैसों की जरूरत के चलते वह प्रतीक दुबे के संपर्क में आया।







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