जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने झालावाड़ जिले के पीपलोदी ग्राम के राजकीय विद्यालय में हुई हृदय विदारक घटना को संज्ञान में लेते हुए जीर्ण-क्षीर्ण, मरम्मत योग्य राजकीय संस्थानों, विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी भवनों के मरम्मत संबंधी कार्य प्राथमिकता से करवाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में उन्होंने डांग, मगरा, मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के तहत इन संस्थानों और भवनों की मरम्मत हेतु अनुमत राशि को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का निर्णय किया है। अब विधायक भी स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत किसी भी योजना से निर्मित राजकीय संस्थानों, विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी भवनों के मरम्मत संबंधी कार्यों के लिए अपने वार्षिक आवंटन की 20 प्रतिशत राशि की अनुशंसा कर सकेंगे। पहले एमएलए-लेड में निर्मित भवनों की मरम्मत का कार्य ही इस कोष से करवाया जा सकता था। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से पुराने और जर्जर सरकारी स्कूलों के भवनों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए प्राथमिकता से राशि की अनुशंसा करने का आग्रह किया है। इससे राजकीय संस्थानों, विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के भवनों का सुदृढ़ीकरण हो सकेगा तथा भविष्य में किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सकेगा।
प्रदेशभर से सरकारी जर्जर भवनों की मांगी रिपोर्ट
राजस्थान के झालावाड़ जिले की सरकारी स्कूल में हुए हादसे को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बेहद गंभीर है। हादसे के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ सार्वजनिक निर्माण विभाग, कार्यकारी एजेंसी, समसा और आरएसआरडीसी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को बुलाया गया। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के अधिकारियों से बीते डेढ़ साल में किए गए कार्यों का विवरण मांगा। सरकारी भवनों की जर्जर स्थिति को लेकर रिपोर्ट भी मांगी गई।
विशेषज्ञों की टीम जांच कर 5 दिन में पेश करें रिपोर्टमुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन करे। कमेटी के सदस्यों से पांच दिन में जांच पुरी कर रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह मानसून का समय है और अधिकतर जिलों में लगातार बारिश हो रही है। बारिश के दौरान अन्य जर्जर भवन भी ढह सकते हैं। ऐसे में जल्द से जल्द प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल भवनों का निरीक्षण किया जाए। जहां स्कूल भवन जर्जर अवस्था में हैं। वहां के बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करके स्कूल भवन की मरम्मत कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपलोदी हादसे से हम सब दुखी हैं। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस और त्वरित कदम उठाए जाएं।
जर्जर स्कूल भवन जल्द खाली कराएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि झालावाड़ की सरकारी स्कूल में हुआ हादसा बेहद गंभीर है। हादसे के कारण नौनिहाल बच्चे अकाल मौत के ग्रास बन गए। ऐसे हादसों को रोकना सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जिला और ब्लॉक स्तर पर सभी सरकारी स्कूलों के भवनों के निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी स्कूल भवन जर्जर अवस्था में पाए जाएं। उन्हें जल्द खाली कर दें। बच्चों की जान से बढ़कर कुछ नहीं है। जर्जर भवन की मरम्मत होने तक बच्चों को पढ़ाने की वैकल्पिक व्यवस्था करें।
हैड मास्टर सहित 5 शिक्षक सस्पेंड
पिपलोदी की सरकारी स्कूल में हुए इस हादसे के बाद सरकार ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका सहित पांच शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया। हादसे के बाद कुछ बच्चों ने कहा कि भवन ढहने से पहले कुछ कंकर गिरे थे। इस बारे में जब शिक्षकों को बताया कि उन्होंने इस बात को अनसुना करते हुए बच्चों को कक्षा कक्ष में ही रहने के लिए कह दिया था। प्रारम्भिक स्तर पर स्कूल के शिक्षकों को ही घटना के लिए दोषी माना गया। इस हादसे में सात मासूम बच्चों की मौत हुई जिनमें मीना, कान्हा, कार्तिक, प्रियंका, कुंदन, पायल और हरीश शामिल है। आरती, राजकुमार, अजय कुमार, अंजना, विजय, विक्रम, पिंकी, मनीषा, अरविंद, विशाल, आरती, शाहीन, राजूबाई, बीरम,, मिलन, मोनिका, मुरलीधर, अनुराधा, बादल, मिथुन और दिलखुश घायल हुए हैं।
प्रदेशभर से सरकारी जर्जर भवनों की मांगी रिपोर्ट
राजस्थान के झालावाड़ जिले की सरकारी स्कूल में हुए हादसे को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बेहद गंभीर है। हादसे के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ सार्वजनिक निर्माण विभाग, कार्यकारी एजेंसी, समसा और आरएसआरडीसी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को बुलाया गया। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के अधिकारियों से बीते डेढ़ साल में किए गए कार्यों का विवरण मांगा। सरकारी भवनों की जर्जर स्थिति को लेकर रिपोर्ट भी मांगी गई।
विशेषज्ञों की टीम जांच कर 5 दिन में पेश करें रिपोर्टमुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन करे। कमेटी के सदस्यों से पांच दिन में जांच पुरी कर रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह मानसून का समय है और अधिकतर जिलों में लगातार बारिश हो रही है। बारिश के दौरान अन्य जर्जर भवन भी ढह सकते हैं। ऐसे में जल्द से जल्द प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल भवनों का निरीक्षण किया जाए। जहां स्कूल भवन जर्जर अवस्था में हैं। वहां के बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करके स्कूल भवन की मरम्मत कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपलोदी हादसे से हम सब दुखी हैं। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस और त्वरित कदम उठाए जाएं।
जर्जर स्कूल भवन जल्द खाली कराएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि झालावाड़ की सरकारी स्कूल में हुआ हादसा बेहद गंभीर है। हादसे के कारण नौनिहाल बच्चे अकाल मौत के ग्रास बन गए। ऐसे हादसों को रोकना सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जिला और ब्लॉक स्तर पर सभी सरकारी स्कूलों के भवनों के निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी स्कूल भवन जर्जर अवस्था में पाए जाएं। उन्हें जल्द खाली कर दें। बच्चों की जान से बढ़कर कुछ नहीं है। जर्जर भवन की मरम्मत होने तक बच्चों को पढ़ाने की वैकल्पिक व्यवस्था करें।
हैड मास्टर सहित 5 शिक्षक सस्पेंड
पिपलोदी की सरकारी स्कूल में हुए इस हादसे के बाद सरकार ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका सहित पांच शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया। हादसे के बाद कुछ बच्चों ने कहा कि भवन ढहने से पहले कुछ कंकर गिरे थे। इस बारे में जब शिक्षकों को बताया कि उन्होंने इस बात को अनसुना करते हुए बच्चों को कक्षा कक्ष में ही रहने के लिए कह दिया था। प्रारम्भिक स्तर पर स्कूल के शिक्षकों को ही घटना के लिए दोषी माना गया। इस हादसे में सात मासूम बच्चों की मौत हुई जिनमें मीना, कान्हा, कार्तिक, प्रियंका, कुंदन, पायल और हरीश शामिल है। आरती, राजकुमार, अजय कुमार, अंजना, विजय, विक्रम, पिंकी, मनीषा, अरविंद, विशाल, आरती, शाहीन, राजूबाई, बीरम,, मिलन, मोनिका, मुरलीधर, अनुराधा, बादल, मिथुन और दिलखुश घायल हुए हैं।
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