नई दिल्लीः मॉनसून की आंख मिचौली के बीच एक तरफ जहां दिल्लीवाले भारी उमस और गर्मी झेलने को मजबूर हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अपनी पंसद की बियर पीने के लिए भी उन्हें भारी संघर्ष करना पड़ रहा है। भारत में बनी बियर के ज्यादातर पॉपुलर ब्रैंड्स इन दिनों दुकानों से नदारद दिख रहे है। इसके चलते लोगों को मन मारकर ऐसे ब्रैंड्स की बियर पीनी पड़ रही है, जिनका नाम भी उन्होंने पहले कभी नहीं सुना।
पसंदीदा बियर नहीं मिल रही है
वहीं, जो लोग समझौता नहीं करना चाहते, वो अपनी मनपसंद बियर लेने के लिए नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे एनसीआर के शहरों का रुख कर रहे हैं। कई लोग अपनी पसंद की बियर लेने के लिए कई दुकानों के चक्कर भी काट रहे है, लेकिन फिर भी उन्हें अपनी पसंदीदा बियर नहीं मिल रही है।
लगातार मिल रही थीं शिकायतें
बियर के पॉपुलर बैड्स की उपलब्धता में कमी को लेकर लगातार मिल रही शिकायतें एनबीटी की पड़ताल में सही निकलीं। ईस्ट, साउथ, सेंट्रल और नॉर्थ दिल्ली के अलग अलग इलाकों में लगभग दर्जन भर दुकानों पर की गई इस पड़ताल में सभी शॉप्स पर किंगफिशर, बडवाइजर, ट्यूबॉर्ग, हेवर्डस, कार्ल्सबर्ग और हंटर जैसे पॉपुलर ब्रैड्स नहीं मिले। बीरा और फॉस्टर की बियर भी एक दो जगह पर बेहद सीमित मात्रा में उपलब्ध थी। पूछताछ करने पर दुकानदारों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर ब्रैंड्स का स्टॉक दो तीन हफ्तों से या तो आ ही नहीं रहा है या इतना कम स्टॉक आ रहा है कि चंद घंटों में ही खत्म हो जाता है।
सरकारी दुकानों से ही शराब बिकती है
दुकानदारों का यह भी कहना था कि दिल्ली में अब केवल सरकारी दुकानों से ही शराब बिकती है। ऐसे में दुकानों पर कौन सा ब्रैंड उपलब्ध होगा। यह दुकानदार तय नहीं करते, बल्कि दुकानें चला रहीं सरकारी कंपनियां ही स्टॉक उपलब्ध कराती है। जब भूटान और नेपाल से आई इंपोर्टेड द बियर के तमाम ब्रैंड्स भरपूर मात्रा में उपलब्ध
पीछे से ही स्टॉक नहीं आ रहा है, तो हम कस्टमर को कहां से दें।
भूटान और नेपाल के ब्रैंड्स की बियर उपलब्ध
खास बात यह भी है कि भूटान और नेपाल से आई इंपोर्टेड बियर के तमाम ब्रैड्स भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। उनकी कीमत इंडियन बियर से थोड़ी ज्यादा है। लोग इन ब्रैंड्स से इतने वाकिफ नहीं है, ऐसे में या तो वे इन्हें खरीदने से झिझक रहे हैं या फिर पसंद की बियर ना मिलने पर मजबूरी में ही इन्हें खरीद रहे हैं। पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि भूटान और नेपाल से आ रही बियर पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लग रही है और कस्टम ड्यूटी भी काफी कमी है, जबकि प्रॉफिट मार्जिन इंडियन ब्रैंड्स के मुकाबले ज्यादा है। शराब की दुकानों पर इनकी उपलब्धता बढ़ने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। वहीं, दूसरे देशों से आने वाली महंगी इंपोटेंड बियर भी स्टोर्स से नदारद है।
जल्द दिए जाएंगे स्टॉक के ऑर्डर
कुछ दुकानदारों ने यह भी बताया कि शराब की दुकानों के लाइसेंस एक्सपायर हो रहे थे, इसलिए भी उन्होंने ज्यादा स्टॉक ऑर्डर नहीं किया था। अभी पुराना स्टॉक क्लियर किया जा रहा है। अब सभी दुकानों के लाइसेंस रिन्यू हो गए है, तो जल्द ही नए ऑर्डर दिए जाएंगे। एक्साइज विभाग के अधिकारियों का भी दावा है कि विभाग के पास सभी ब्रैंड्स की बियर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और स्टॉक की कही कोई कमी नहीं है। ऑर्डर मिलते ही सभी ब्रैंड्स की बियर तुरंत उपलब्ध कराई जाती है। गौरतलब है कि पुरानी एक्साइज पॉलिसी को मार्च तक के लिए एक्सटेंड करने के दिल्ली सरकार के फैसले के बाद पिछले हफ्ते ही शराब की दुकानों के लाइसेंस रिन्यू किए गए हैं।
पसंदीदा बियर नहीं मिल रही है
वहीं, जो लोग समझौता नहीं करना चाहते, वो अपनी मनपसंद बियर लेने के लिए नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे एनसीआर के शहरों का रुख कर रहे हैं। कई लोग अपनी पसंद की बियर लेने के लिए कई दुकानों के चक्कर भी काट रहे है, लेकिन फिर भी उन्हें अपनी पसंदीदा बियर नहीं मिल रही है।
लगातार मिल रही थीं शिकायतें
बियर के पॉपुलर बैड्स की उपलब्धता में कमी को लेकर लगातार मिल रही शिकायतें एनबीटी की पड़ताल में सही निकलीं। ईस्ट, साउथ, सेंट्रल और नॉर्थ दिल्ली के अलग अलग इलाकों में लगभग दर्जन भर दुकानों पर की गई इस पड़ताल में सभी शॉप्स पर किंगफिशर, बडवाइजर, ट्यूबॉर्ग, हेवर्डस, कार्ल्सबर्ग और हंटर जैसे पॉपुलर ब्रैड्स नहीं मिले। बीरा और फॉस्टर की बियर भी एक दो जगह पर बेहद सीमित मात्रा में उपलब्ध थी। पूछताछ करने पर दुकानदारों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर ब्रैंड्स का स्टॉक दो तीन हफ्तों से या तो आ ही नहीं रहा है या इतना कम स्टॉक आ रहा है कि चंद घंटों में ही खत्म हो जाता है।
सरकारी दुकानों से ही शराब बिकती है
दुकानदारों का यह भी कहना था कि दिल्ली में अब केवल सरकारी दुकानों से ही शराब बिकती है। ऐसे में दुकानों पर कौन सा ब्रैंड उपलब्ध होगा। यह दुकानदार तय नहीं करते, बल्कि दुकानें चला रहीं सरकारी कंपनियां ही स्टॉक उपलब्ध कराती है। जब भूटान और नेपाल से आई इंपोर्टेड द बियर के तमाम ब्रैंड्स भरपूर मात्रा में उपलब्ध
पीछे से ही स्टॉक नहीं आ रहा है, तो हम कस्टमर को कहां से दें।
भूटान और नेपाल के ब्रैंड्स की बियर उपलब्ध
खास बात यह भी है कि भूटान और नेपाल से आई इंपोर्टेड बियर के तमाम ब्रैड्स भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। उनकी कीमत इंडियन बियर से थोड़ी ज्यादा है। लोग इन ब्रैंड्स से इतने वाकिफ नहीं है, ऐसे में या तो वे इन्हें खरीदने से झिझक रहे हैं या फिर पसंद की बियर ना मिलने पर मजबूरी में ही इन्हें खरीद रहे हैं। पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि भूटान और नेपाल से आ रही बियर पर इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लग रही है और कस्टम ड्यूटी भी काफी कमी है, जबकि प्रॉफिट मार्जिन इंडियन ब्रैंड्स के मुकाबले ज्यादा है। शराब की दुकानों पर इनकी उपलब्धता बढ़ने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। वहीं, दूसरे देशों से आने वाली महंगी इंपोटेंड बियर भी स्टोर्स से नदारद है।
जल्द दिए जाएंगे स्टॉक के ऑर्डर
कुछ दुकानदारों ने यह भी बताया कि शराब की दुकानों के लाइसेंस एक्सपायर हो रहे थे, इसलिए भी उन्होंने ज्यादा स्टॉक ऑर्डर नहीं किया था। अभी पुराना स्टॉक क्लियर किया जा रहा है। अब सभी दुकानों के लाइसेंस रिन्यू हो गए है, तो जल्द ही नए ऑर्डर दिए जाएंगे। एक्साइज विभाग के अधिकारियों का भी दावा है कि विभाग के पास सभी ब्रैंड्स की बियर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और स्टॉक की कही कोई कमी नहीं है। ऑर्डर मिलते ही सभी ब्रैंड्स की बियर तुरंत उपलब्ध कराई जाती है। गौरतलब है कि पुरानी एक्साइज पॉलिसी को मार्च तक के लिए एक्सटेंड करने के दिल्ली सरकार के फैसले के बाद पिछले हफ्ते ही शराब की दुकानों के लाइसेंस रिन्यू किए गए हैं।
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