नागपुर: महाराष्ट्र में नागपुर के शांतिनगर इलाके के मुदलियार चौक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसे देखकर हर संवेदनशील व्यक्ति हैरान है। इस वीडियो में एक बुज़ुर्ग पिता सोफे पर बैठे नजर आ रहे हैं और उनके सामने टी-शर्ट और बरमूडा शॉर्ट्स पहने उनका बेटा अपने पिता के गालों पर एक के बाद एक थप्पड़ मारता नजर आ रहा है। ये सिर्फ मारपीट नहीं, बल्कि एक पिता के सम्मान और स्वाभिमान का खुला अपमान है।
वीडियो में क्या?
वीडियो में दिख रहा है कि बेटा अपनी मां के सामने ही अपने पिता को बार-बार थप्पड़ मार रहा है। बुज़ुर्ग पिता बेटे को रोकने के लिए हाथ जोड़कर विनती करता है, लेकिन उसका कोई असर नहीं होता। बेटा कभी अपने पिता के बाल खींचता है, कभी कान पकड़ता है, तो कभी गर्दन पर वार करता है। उस पल पिता की बेबसी और उसकी आंखों में जो दर्द है, उसे देखकर कलेजा फट जाता है। मां एक बार उठकर बेटे को रोकने की कोशिश करती है, लेकिन वो कोशिश भी नाकाम हो जाती है। मां के चेहरे पर घबराहट और बेरुखी साफ दिखाई दे रही थी। मानो उसे खुद समझ नहीं आ रहा हो कि उसका बेटा इतना क्रूर कैसे हो गया?
पुलिस ने दिखाई तेजी
इस वीडियो के वायरल होने के बाद नागपुर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और घर की तलाशी ली। पुलिस इंस्पेक्टर गजानन तामथे के नेतृत्व में एक टीम मौके पर पहुंची। हालांकि, इस घटना का सबसे दुखद पहलू यह था कि इस अपमान को झेलने वाले पिता ने पुलिस को बताया कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं। पुलिस ने शिकायत दर्ज करने में तत्परता दिखाई, लेकिन पिता ने इनकार कर दिया।
यह हमारा घरेलू मामला
मां ने पुलिस से सीधे पूछा कि यह हमारा घरेलू मामला है। अगर हमने कुछ नहीं कहा तो आप क्यों आए? हालांकि, पुलिस ने अपना कर्तव्य निभाते हुए बच्चे को कड़ी चेतावनी दी और चेतावनी दी कि अगर उसने दोबारा ऐसा किया तो कार्रवाई की जाएगी। लेकिन यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ चेतावनी से ऐसी आदत पर काबू पाया जा सकेगा? यह सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि अनगिनत बुज़ुर्गों की कहानी है जो अपने बच्चों से शारीरिक और मानसिक यातनाएं सहते हैं, लेकिन सामाजिक दबाव, रिश्तों के बोझ और परिवार का नाम खराब होने के डर से चुप रहते हैं।
वीडियो में क्या?
वीडियो में दिख रहा है कि बेटा अपनी मां के सामने ही अपने पिता को बार-बार थप्पड़ मार रहा है। बुज़ुर्ग पिता बेटे को रोकने के लिए हाथ जोड़कर विनती करता है, लेकिन उसका कोई असर नहीं होता। बेटा कभी अपने पिता के बाल खींचता है, कभी कान पकड़ता है, तो कभी गर्दन पर वार करता है। उस पल पिता की बेबसी और उसकी आंखों में जो दर्द है, उसे देखकर कलेजा फट जाता है। मां एक बार उठकर बेटे को रोकने की कोशिश करती है, लेकिन वो कोशिश भी नाकाम हो जाती है। मां के चेहरे पर घबराहट और बेरुखी साफ दिखाई दे रही थी। मानो उसे खुद समझ नहीं आ रहा हो कि उसका बेटा इतना क्रूर कैसे हो गया?
पुलिस ने दिखाई तेजी
इस वीडियो के वायरल होने के बाद नागपुर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और घर की तलाशी ली। पुलिस इंस्पेक्टर गजानन तामथे के नेतृत्व में एक टीम मौके पर पहुंची। हालांकि, इस घटना का सबसे दुखद पहलू यह था कि इस अपमान को झेलने वाले पिता ने पुलिस को बताया कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं। पुलिस ने शिकायत दर्ज करने में तत्परता दिखाई, लेकिन पिता ने इनकार कर दिया।
यह हमारा घरेलू मामला
मां ने पुलिस से सीधे पूछा कि यह हमारा घरेलू मामला है। अगर हमने कुछ नहीं कहा तो आप क्यों आए? हालांकि, पुलिस ने अपना कर्तव्य निभाते हुए बच्चे को कड़ी चेतावनी दी और चेतावनी दी कि अगर उसने दोबारा ऐसा किया तो कार्रवाई की जाएगी। लेकिन यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ चेतावनी से ऐसी आदत पर काबू पाया जा सकेगा? यह सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि अनगिनत बुज़ुर्गों की कहानी है जो अपने बच्चों से शारीरिक और मानसिक यातनाएं सहते हैं, लेकिन सामाजिक दबाव, रिश्तों के बोझ और परिवार का नाम खराब होने के डर से चुप रहते हैं।
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