बीजिंग: चीन ने बुधवार को विक्ट्री डे परेड में अपनी सैन्य ताकत दिखाई है। परेड में परमाणु क्षमता वाली इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों ने खासतौर से दुनिया का ध्यान खींचा हैं। चीन ने अपनी हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स, वाईजे-21 एंटी-शिप क्रूज मिसाइल, डीएफ-61 और सबमरीन से छोड़ी जाने वाली जेएल-3 बैलिस्टिक मिसाइल सार्वजनिक की है। चीन ने डोंगफेंग-5 न्यूक्लियर इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का नया वैरिएंट प्रदर्शित किया। खासतौर से डीएफ-61 और जेएल-3 मिसाइल की चर्चा हो रही है, जो चीन की सैन्य ताकत को दिखाता है।
बीजिंग की विशाल सैन्य परेड में DF-61 नाम की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) सामने आई है। चीन अपने परमाणु शस्त्रागार के विस्तार के हिस्से के रूप में अगली पीढ़ी के ICBM विकसित कर रहा है। इसमें सबसे अहम मिसाइल में एक नाम DF-61 का शामिल है। अभी तक DF-61 के चीनी सेना की सेवा में होने की कोई ठोस जानकारी नहीं है। DF-41 को पहली बार 2019 में प्रदर्शित किया गया था। इसके बाद चीन ने DF-61 तैयार की है।
क्यों खास है DF-61चीन लगातार नई पीढ़ी की मोबाइल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास किया है। इसमें DF-41 के बेहतर वर्जन के तौर पर DF-61 बनी है। DF-61 आकार में DF-41 के बराबर ही है। दोनों में 16-पहियों वाले TEL का इस्तेमाल होता है। नई मिसाइल की अनुमानित रेंज 7,456 से 9,320 मील है। नया DF-61 चीन में विकसित किए जा रहे कई नए आईसीबीएम डिजोइनों में हो सकता है।
DF-61 उन कई बड़े हथियारों में से एक है, जिनका सैन्य परेड में अनावरण हुआ है। चीन खासतौर से अपने परमाणु विस्तार पर जोर दे रहा है। माना जा रहा है कि साल 2030 तक चीन के पास 1,000 से ज्यादा परमाणु हथियार होंगे। इनमें से ज्यादा को उच्च स्तर की तैयारी के साथ तैनात किया जाएगा। चीन का 2035 तक अपनी ताकत बढ़ाने का प्लान है।
चीन की JL-3 मिसाइलबीजिंग की सैन्य परेड में चीन की अंतरमहाद्वीपीय दूरी की पनडुब्बी-प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) JL-3 को भी प्रदर्शित किया गया है।JL-3 एकMIRV-सक्षम, परमाणु-सशस्त्र, सैटेलाइट बेस सिस्टम और एडवांस इनरशल से निर्देशित है। चीन की यह मिसाइ 2020 से इस्तेमाल में है। इसकी गति मैक 20 से ज्यादा है। इसके चलते इसे रोकना बेहद मुश्किल है।
JL3 को पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है। ऐसे में समुद्र में गश्ती क्षेत्रों के रणनीतिक लक्ष्यों के लिए इसका महत्व काफी ज्यादा है। चीन ने अपनी पनडुब्बियों के साथ अपनी स्टील्थ तकनीक को बेहतर बनाने के लिए इस पर काम किया है। यह चीन की समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए की जा रही कोशिश को दिखाता है।
बड़े नेताओं के सामने प्रदर्शनचीन ने बुधवार को अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन दुनिया के बड़े नेताओं के सामने किया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के अलावा ईरान, मलेशिया, म्यांमार, मंगोलिया, इंडोनेशिया, जिम्बाब्वे के नेताओं ने इसमें भाग लिया।
अपने हथियारों को लेकर अक्सर गोपनीयता बरतने वाली चीनी सेना पहली बार अपने अत्याधुनिक हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन किया है। इनके बारे में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का दावा है कि वे अमेरिकी सेना के हथियारों से मेल खाते हैं। दूसरे विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित इस परेड में हजारों सैनिकों ने भाग लिया।
बीजिंग की विशाल सैन्य परेड में DF-61 नाम की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) सामने आई है। चीन अपने परमाणु शस्त्रागार के विस्तार के हिस्से के रूप में अगली पीढ़ी के ICBM विकसित कर रहा है। इसमें सबसे अहम मिसाइल में एक नाम DF-61 का शामिल है। अभी तक DF-61 के चीनी सेना की सेवा में होने की कोई ठोस जानकारी नहीं है। DF-41 को पहली बार 2019 में प्रदर्शित किया गया था। इसके बाद चीन ने DF-61 तैयार की है।
क्यों खास है DF-61चीन लगातार नई पीढ़ी की मोबाइल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास किया है। इसमें DF-41 के बेहतर वर्जन के तौर पर DF-61 बनी है। DF-61 आकार में DF-41 के बराबर ही है। दोनों में 16-पहियों वाले TEL का इस्तेमाल होता है। नई मिसाइल की अनुमानित रेंज 7,456 से 9,320 मील है। नया DF-61 चीन में विकसित किए जा रहे कई नए आईसीबीएम डिजोइनों में हो सकता है।
DF-61 उन कई बड़े हथियारों में से एक है, जिनका सैन्य परेड में अनावरण हुआ है। चीन खासतौर से अपने परमाणु विस्तार पर जोर दे रहा है। माना जा रहा है कि साल 2030 तक चीन के पास 1,000 से ज्यादा परमाणु हथियार होंगे। इनमें से ज्यादा को उच्च स्तर की तैयारी के साथ तैनात किया जाएगा। चीन का 2035 तक अपनी ताकत बढ़ाने का प्लान है।
चीन की JL-3 मिसाइलबीजिंग की सैन्य परेड में चीन की अंतरमहाद्वीपीय दूरी की पनडुब्बी-प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) JL-3 को भी प्रदर्शित किया गया है।JL-3 एकMIRV-सक्षम, परमाणु-सशस्त्र, सैटेलाइट बेस सिस्टम और एडवांस इनरशल से निर्देशित है। चीन की यह मिसाइ 2020 से इस्तेमाल में है। इसकी गति मैक 20 से ज्यादा है। इसके चलते इसे रोकना बेहद मुश्किल है।
JL3 को पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है। ऐसे में समुद्र में गश्ती क्षेत्रों के रणनीतिक लक्ष्यों के लिए इसका महत्व काफी ज्यादा है। चीन ने अपनी पनडुब्बियों के साथ अपनी स्टील्थ तकनीक को बेहतर बनाने के लिए इस पर काम किया है। यह चीन की समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए की जा रही कोशिश को दिखाता है।
DF-5C MIRV ICBM
— dafeng cao (@dafengcao) September 2, 2025
DF-61 ICBM TEL
DF -31BJ silo based ICBM
JL-3 SLBM pic.twitter.com/yBn9iITtk5
बड़े नेताओं के सामने प्रदर्शनचीन ने बुधवार को अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन दुनिया के बड़े नेताओं के सामने किया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के अलावा ईरान, मलेशिया, म्यांमार, मंगोलिया, इंडोनेशिया, जिम्बाब्वे के नेताओं ने इसमें भाग लिया।
अपने हथियारों को लेकर अक्सर गोपनीयता बरतने वाली चीनी सेना पहली बार अपने अत्याधुनिक हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन किया है। इनके बारे में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का दावा है कि वे अमेरिकी सेना के हथियारों से मेल खाते हैं। दूसरे विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित इस परेड में हजारों सैनिकों ने भाग लिया।
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