मॉस्को: रूस ने नाटो देशों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उसके रणनीतिक रूप से अहम कलिनिनग्राद क्षेत्र पर कोई भी हमला हुआ तो इसका फौरन और विनाशक जवाब दिया जाएगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी और रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पत्रुशेव ने कहा कि कलिनिनग्राद रूस का अभिन्न हिस्सा है और उस पर किसी भी हमले की स्थिति में सभी सैन्य साधनों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिनमें परमाणु प्रतिरोध नीति भी शामिल है। उन्होंने चेतावनी देते हुए साफ शब्दों में कहा है कि रूस के पास हमले को रोकने और दुश्मनों के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए जो भी साधन हैं, उन साधनों का इस्तेमाल किया जाएगा। वो अपने किसी भी साधन का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकेगा।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पूतनिक को दिए गये इंटरव्यू में निकोलाई पत्रुशेव ने अमेरिका को सख्त शब्दों में चेतावनी दी है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द यूक्रेन, कलिनिनग्राद पर हमले शुरू कर सकता है। पिछले दिनों डोनाल्ड ट्रंप ने भी यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की को रूस के अंदरूनी हिस्सों में हमला करने की खुली छुट दे दी थी। माना जा रहा है कि अगर यूक्रेन, रूस के अंदरूनी हिस्सों में, जिसमें राजधानी मॉस्को भी शामिल है, हां हमले करता है तो युद्ध अचानक से विनाशकारी स्थिति में पहुंच सकती है।
क्या कलिनिनग्राद पर हमला करेगा यूक्रेन?
पत्रुशेव ने स्पूतनिक को दिए गये इंटरव्यू में कहा है कि "हम लंबे समय से पश्चिमी देशों की कलिनिनग्राद को लेकर बनाई गई योजनाओं से परिचित हैं। मैं उन्हें बस एक ही बात कह सकता हूं, कि यह क्षेत्र रूस का हिस्सा है और उस पर हमला हमारी संप्रभुता पर हमला माना जाएगा, जिसका जवाब हमारी सैन्य नीति और परमाणु सिद्धांतों के मुताबिक तत्काल और निर्णायक तरीके से दिया जाएगा।" दरअसल, अमेरिका के सीनियर सैन्य अधिकारी जनरल क्रिस्टोफर टी. डोनाह्यू ने अपने एक बयान में दावा किया था, कि नाटो के पास कलिनिनग्राद को सैन्य रूप से 'निष्क्रिय' करने की पूरी क्षमता है और इसके लिए प्लान भी तैयार किया गया है। जनरल डोनाह्यू वर्तमान में यूरोप और अफ्रीका में अमेरिकी सेना के कमांडिंग जनरल हैं। उनका यह बयान रूस के लिए एक गंभीर चेतावनी के रूप में देखा गया है, जिसने मॉस्को की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
आपको बता दें कि कलिनिनग्राद, रूस का एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक तौर पर काफी अहम हिस्सा है। ये मुख्य रूस से कटा हुआ है और पोलैंड और लिथुआनिया के बीच बाल्टिक सागर के किनारे स्थित है। यह क्षेत्र रूस की पश्चिमी सैन्य रणनीति का प्रमुख आधार रहा है और रूस ने यहां पर लंबी दूरी की मिसाइलें, नौसेना और एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर रखे हैं। कलिनिनग्राद, नाटो देशों की सीमाओं के काफी करीब रहा है, इसलिए नाटो देश इसे खतरे के रूप में देखते हैं। लेकिए एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर नाटो ने इस क्षेत्र को छूने की भी कोशिश भी, तो ये कोशिश एक बड़े टकराव की आग को भड़का सकती है।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पूतनिक को दिए गये इंटरव्यू में निकोलाई पत्रुशेव ने अमेरिका को सख्त शब्दों में चेतावनी दी है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द यूक्रेन, कलिनिनग्राद पर हमले शुरू कर सकता है। पिछले दिनों डोनाल्ड ट्रंप ने भी यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की को रूस के अंदरूनी हिस्सों में हमला करने की खुली छुट दे दी थी। माना जा रहा है कि अगर यूक्रेन, रूस के अंदरूनी हिस्सों में, जिसमें राजधानी मॉस्को भी शामिल है, हां हमले करता है तो युद्ध अचानक से विनाशकारी स्थिति में पहुंच सकती है।
क्या कलिनिनग्राद पर हमला करेगा यूक्रेन?
पत्रुशेव ने स्पूतनिक को दिए गये इंटरव्यू में कहा है कि "हम लंबे समय से पश्चिमी देशों की कलिनिनग्राद को लेकर बनाई गई योजनाओं से परिचित हैं। मैं उन्हें बस एक ही बात कह सकता हूं, कि यह क्षेत्र रूस का हिस्सा है और उस पर हमला हमारी संप्रभुता पर हमला माना जाएगा, जिसका जवाब हमारी सैन्य नीति और परमाणु सिद्धांतों के मुताबिक तत्काल और निर्णायक तरीके से दिया जाएगा।" दरअसल, अमेरिका के सीनियर सैन्य अधिकारी जनरल क्रिस्टोफर टी. डोनाह्यू ने अपने एक बयान में दावा किया था, कि नाटो के पास कलिनिनग्राद को सैन्य रूप से 'निष्क्रिय' करने की पूरी क्षमता है और इसके लिए प्लान भी तैयार किया गया है। जनरल डोनाह्यू वर्तमान में यूरोप और अफ्रीका में अमेरिकी सेना के कमांडिंग जनरल हैं। उनका यह बयान रूस के लिए एक गंभीर चेतावनी के रूप में देखा गया है, जिसने मॉस्को की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
आपको बता दें कि कलिनिनग्राद, रूस का एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक तौर पर काफी अहम हिस्सा है। ये मुख्य रूस से कटा हुआ है और पोलैंड और लिथुआनिया के बीच बाल्टिक सागर के किनारे स्थित है। यह क्षेत्र रूस की पश्चिमी सैन्य रणनीति का प्रमुख आधार रहा है और रूस ने यहां पर लंबी दूरी की मिसाइलें, नौसेना और एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर रखे हैं। कलिनिनग्राद, नाटो देशों की सीमाओं के काफी करीब रहा है, इसलिए नाटो देश इसे खतरे के रूप में देखते हैं। लेकिए एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर नाटो ने इस क्षेत्र को छूने की भी कोशिश भी, तो ये कोशिश एक बड़े टकराव की आग को भड़का सकती है।
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