News India Live, Digital Desk: Manipur:तिक दलों ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के साथ बैठक कर 2001 की जनगणना के आधार पर परिसीमन करने पर आपत्ति दर्ज कराई है. एक ज्ञापन सौंपते हुए तमाम दलों ने तर्क दिया कि 2001 का जनगणना डेटा त्रुटिपूर्ण बताया है. इसके साथ ही मांग की है कि परिसीमन 2026 तक स्थगित किया जाना चाहिए, जब नई जनगणना के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर परिसीमन होगा. बीजेपी और कांग्रेस ने भी पहले ही 2001 के आंकड़ों पर आपत्ति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर में परिसीमन के लिए तीन महीने का समय दिया था.
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से सोमवार को 11 राजनीतिक दलों ने केंद्र से राज्य में परिसीमन प्रक्रिया को 2026 तक स्थगित करने की मांग की है. इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने एक साथ मिलकर ज्ञापन भी दिया है. इन दलों में एनपीपी, जेडीयू, सीपीआई (एम), आप, एनसीपी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-सपा, क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले), शिवसेना (यूबीटी), मणिपुर पीपुल्स पार्टी (एमपीपी) और बसपा शामिल हैं.
राजनीतिक दलों ने सोमवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के साथ बैठक की और परिसीमन प्रक्रिया के बारे में अपनी आपत्तियां दर्ज कराएं. सभी राजनीतिक दलों ने एक सुर में मांग की है कि परिसीमन 2026 तक स्थगित किया जाना चाहिए. हालांकि इस बैठक में कांग्रेस और बीजेपी शामिल नहीं हुई है, लेकिन वो पहले ही परिसीमन को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करा चुकी है.
केंद्र सरकार ने कोर्ट में कही थी ये बातकेंद्र सरकार की तरफ से मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि मणिपुर में चल रही हिंसा के कारण इस समय परिसीमन कराना सही नहीं है. वहां मई 2023 से इंफाल घाटी स्थित मैतेई और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं, जो पहाड़ी क्षेत्रों में बहुसंख्यक हैं.
शसुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च को अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और असम में परिसीमन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए केंद्र को तीन महीने का समय दिया था. मणिपुर में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है.
परिसीमन पर क्या बोले राजनीतिक दलएनपीपी के प्रदेश अध्यक्ष युमनाम जॉय कुमार ने बैठक के बाद कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस और भाजपा उन राजनीतिक दलों में शामिल नहीं थे, उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की. हम केंद्र से अनुरोध कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अगले तीन महीनों में परिसीमन न किया जाए.” उन्होंने 2001 की जनगणना के आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया, जिसके आधार पर परिसीमन किया जाना था.
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