Newsindia live,Digital Desk: मुजफ्फरपुर जिले में मतदाता सूची के नए प्रारूप के प्रकाशन के बाद एक अजीबोगरीब और गंभीर मामला सामने आया है। सूची में ऐसे सैकड़ों मतदाताओं के नाम फिर से जोड़ दिए गए हैं, जिन्हें बूथ लेवल अधिकारियों ने पिछले सर्वेक्षणों के दौरान मृत या उस स्थान से स्थानांतरित घोषित कर दिया था। इस गड़बड़ी ने पूरी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।बूथ लेवल अधिकारियों यानी बीएलओ ने घर-घर जाकर सत्यापन करने के बाद इन मतदाताओं के नाम सूची से हटाने के लिए विधिवत रिपोर्ट जमा की थी। इसके बाद इन्हें मृत या स्थानांतरित के रूप में चिह्नित किया गया था। लेकिन जब हाल ही में मतदाता सूची का नया ड्राफ्ट प्रकाशित हुआ, तो ये हटाए गए नाम फिर से सूची में दिखाई देने लगे। 'मृत' मतदाताओं को दोबारा सूची में 'जीवित' देखकर अधिकारी और बीएलओ भी हैरान हैं।यह समस्या जिले के कई विधानसभा क्षेत्रों में देखी गई है, खासकर गायघाट जैसे इलाकों में यह गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है। इस चूक के कारण अब बीएलओ को दोगुनी मेहनत करनी पड़ रही है। उन्हें फिर से उन्हीं नामों को सूची से हटाने के लिए दावा और आपत्ति की प्रक्रिया अपनानी होगी और संबंधित फॉर्म भरवाने होंगे।इस मामले के सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है और संबंधित अधिकारियों को तुरंत इस त्रुटि को सुधारने के निर्देश दिए हैं। यह घटना मतदाता सूची तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर और डेटा प्रबंधन की प्रक्रिया में किसी बड़ी खामी की ओर इशारा करती है, जिसने जमीनी स्तर पर किए गए काम को लगभग बेकार कर दिया है।
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