नई दिल्ली। पूर्व आईपीएस अधिकारी, समाजसेवी और बीजेपी नेता के. अन्नामलाई ने अबू धाबी के बीएपीएस हिंदू मंदिर पहुंचकर भगवान स्वामीनारायण के दर्शन किए। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को अन्नामलाई के मंदिर आगमन पर स्वामी ब्रह्मविहारदास ने ‘डोम ऑफ हार्मनी’ के नीचे पारंपरिक हार पहनाकर उनका स्वागत किया गया। मंदिर की भव्यता को देखकर अन्नामलाई मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने अबू धाबी के इस मंदिर को 21वीं सदी का सबसे महान सहयोग करार दिया। मंदिर परिसर में भ्रमण करते हुए अन्नामलाई 6,500 वर्ष पुराने ‘टॉलरेंस ट्रीज’ जो विविधता में एकता के शाश्वत प्रतीक के रूप में खड़े हैं, से विशेष रूप से प्रभावित हुए।
अन्नामलाई ने परम पूज्य प्रभु स्वामी महाराज, जिनकी दिव्य दृष्टि से इस आध्यात्मिक धाम का निर्माण हुआ, उनकी आध्यात्मिक धरोहर पर गहन चिंतन किया। उन्होंने ‘पिलर ऑफ पिलर्स’ की अद्भुत नक्काशी की प्रशंसा की और सात आंतरिक मंदिरों में विनम्रता के साथ से प्रार्थना की। अन्नामलाई ने जोर देकर कहा कि यह मंदिर केवल भक्ति का स्थान ही नहीं है, बल्कि सहिष्णुता, अहिंसा और विविधता में एकता जैसे भारत के शाश्वत मूल्यों का जीवंत उदाहरण भी है। उन्होंने कहा, हर किसी को यहां आना चाहिए ताकि वे वास्तव में अनुभव कर सकें कि यह मंदिर क्या है।
मंदिर में गहरे जुड़ाव की हुई अनुभूति
अन्नामलाई ने कहा, मैं सभी से इस बात का आह्वान करता हूं कि जो भी इस मंदिर से होकर गुजरे, वह पूर्ण अनुभव को आत्मसात करे और उस एकता को महसूस करे जिसे यह बढ़ावा देता है। मुझे यहां गहरे जुड़ाव की अनुभूति हुई। मैंने यहां न केवल भारत के भाइयों और बहनों को सात सुंदर देवताओं की पूजा करते हुए देखा, बल्कि यह भी महसूस किया जैसे मैं भारत के उत्तर, पूर्व, दक्षिण, पश्चिम और मध्य भागों में प्रवेश कर रहा हूं।
साधुओं और स्वयंसेवकों के नि:स्वार्थ प्रयासों की सराहना
अन्नामलाई ने कहा, यह उपलब्धि संतों और स्वयंसेवकों, विशेषकर स्वामी ब्रह्मविहारदास और उनकी टीम की समर्पण भावना से संभव हुई है। उनके गुरुओं पर विश्वास और अटूट परिश्रम से यह चमत्कार साकार हुआ। इसे प्रत्यक्ष देखकर मैं वास्तव में मंत्रमुग्ध हूं और आज गर्व से कहता हूं कि मैं हिंदू हूं।
मंदिर की स्थापत्य कला की प्रशंसा
अन्नामलाई ने मंदिर की स्थापत्य कला की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह हाल के समय में देखी गई सबसे सुंदर नक्काशियों में से एक है। मुझे डर था कि आधुनिक मंदिरों के साथ हमने इतनी जटिल नक्काशी की कला खो दी है, लेकिन इस मंदिर ने उस परंपरा को पुनर्जीवित किया है। यह जीवित प्रमाण है कि सदियों पहले भारत क्या करने में सक्षम था। आज इसे जीवंत देखकर मैं अत्यंत प्रेरित हूं।
इतिहास के लिए एक अमर कहानी
उन्होंने आगे कहा कि यह वास्तव में इतिहास के लिए एक अमर कहानी है। जब हम 200 साल बाद पीछे मुड़कर देखेंगे, तो यह 21वीं सदी के सबसे महान सहयोगों में से एक के रूप में यह मंदिर खड़ा होगा। एक बीएपीएस संत जिसने अपना हृदय खोला और एक अन्य धर्म के शासकों ने उदारता दिखाई जिसके परिणामस्वरूप यह उत्कृष्ट कृति संभव हुई।
मंदिर साझा मूल्यों का प्रतीक
अन्नामलाई ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और समृद्धि के लिए प्रार्थना की, जिन्होंने एक बार कहा था, परम पूज्य प्रभु स्वामी मेरे पिता जैसे हैं। उन्होंने परम पूज्य महंत स्वामी महाराज, मंदिर के सर्जक और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने इस मंदिर को साकार करने में दृढ़ समर्थन दिया। अन्नामलाई बोले, यह साझा मूल्यों का प्रतीक है, जो विश्वभर में दिलों और संस्कृतियों को जोड़ता है।
The post K. Annamalai Visits BAPS Abu Dhabi Temple : बीएपीएस अबू धाबी मंदिर पहुंचे समाजसेवी और बीजेपी नेता के. अन्नामलाई, भगवान के किए दर्शन, मंदिर को बताया भारत के शाश्वत मूल्यों का जीवंत उदाहरण appeared first on News Room Post.
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